गोरखपुर, 26 नवम्बर। नार्मल स्थित दरगाह हजरत मुबारक खां शहीद अलैहिर्रहमां पर 12 दिवसीय ‘महफिल-ए-सीरतुन्नबी ‘ दर्स के 6वें दिन रविवार को मुफ्ती अख्तर हुसैन (मुफ्ती-ए-गोरखपुर) ने मिस्र की सूफी मस्जिद पर हुए आतंकी हमले की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए मृतकों के लिए दुआ की।
दर्स देते हुए उन्होंने कहा कि नबी-ए-पाक हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम ने फरमाया कि जो साहिबे ईमान इस दुनिया में बच्चियों की खुशी-खुशी सही तालीमों तर्बियत और सही ढ़ग से परवरिश करेगा उसे मैं जन्नत में लेकर जाऊंगा। नबी-ए-पाक ने 14 सौ साल पहले पूरी दुनिया को शिक्षा हासिल करने, बेटी बचाओ व स्वच्छता का संदेश दिया। इसी वजह से इस्लाम में पाकी (स्वच्छता) को आधा ईमान करार दिया गया है। कुरआन की पहली आयत का नुजूल लफ्ज़े ‘इक़रा’ से हुआ हैं यानी पढ़ो। मजदूरों के हक की आवाज सबसे पहले नबी-ए-पाक ने उठायीं और पसीना सूखने से पहले मजदूरी देने का हुक्म दिया। विधवा से शादी करके महिलाओं का सम्मान बढ़ाया। महिलाओं को संपत्ति में अधिकार दिया।
इस दौरान मौलाना मकसूद आलम मिस्बाही, कारी महबूब आल, इं. अहमद फराज, दरगाह सदर इकरार अहमद, मंजूर आलम,शाह आलम, शहादत हुसैन, रमजान, कुतबुद्दीन अब्दुल अजीज, सैफ अली, मो. अजीम, कैश रजा, मो. इब्राहीम सहित तमाम लोग मौजूद रहे।