गोरखपुर, 21 नवम्बर। दरगाह हजरत मुबारक खां शहीद अलैहिर्रहमां नार्मल पर तंजीम उलेमा-ए-अहले सुन्नत की मुख्तसर बैठक मंगलवार को हुई जिसमें उलेमाओं ने कहा कि बाबरी मस्जिद मामले में शिया वक्फ बोर्ड की कोई सलाह व सुझाव मंजूर नहीं है। शिया वक्फ बोर्ड का बाबरी मस्जिद से कोई ताल्लुक नहीं हैं। बाबरी मस्जिद का फैसला सुप्रीम कोर्ट करेगी न कि शिया वक्फ बोर्ड। शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष सस्ती लोकप्रियता व अपने बचाव के लिए यह सब प्रोपगंडा कर रहे हैं।
उलेमा-ए-किराम ने टीवी पत्रकार रोहित सरदाना के बयान पर कड़ी आपत्ति जाहिर की। सरकार से मांग की गयी कि रोहित सरदाना पर कड़ी से कड़ी कार्यवाई की जाए।
मुफ्ती अख्तर हुसैन (मुफ्ती-ए-गोरखपुर) ने कहा कि टीवी पत्रकार रोहित सरदाना ने नबी-ए-पाक की पत्नी व मुसलमानों की मां हजरत आयशा रजियल्लाहु अन्हा, बेटी हजरत फातिमा रजियल्लाहु अन्हा व हजरत ईसा अलैहिस्सलाम की मां हजरत मरियम रजियल्लाहु अन्हा की शान में गलत बयानी करके मुसलमानों का दिल दुखाया है। इस पर सरकार को तुरंत लगाम लगानी चाहिए । उन्होंने कहा कि बाबरी मस्जिद मामले में शिया वक्फ बोर्ड बेवजह दखलअंदाजी कर रहा है, जबकि उसका इस मामले से कोई लेना देना नहीं हैं। हमें सुप्रीम कोर्ट का फैसला मंजूर है लेकिन शिया वक्फ बोर्ड की सलाह व सुझाव न आज मंजूर है और न ही कल मंजूर रहेगा।
इस मौके पर मुफ्ती मोहम्मद अजहर शम्सी, कारी महबूब आलम, दरगाह सदर इकरार अहमद, मौलाना गुलाम दस्तगीर, मौलाना हिदायतुल्लाह, मौलाना शम्सुज्जमा, अब्दुल समद, खुर्शीद आलम, मो. सलीम सहित तमाम उलेमा मौजूद रहे।