सैयद फरहान अहमद
गोरखपुर, 12 नवम्बर। शायरा शाईस्ता सना ने देश में प्यार मोहब्बत की फिजां आम करने पर जोर देते हुए कहा है कि मौजूदा माहौल देश की तरक्की के लिए मुनासिब नहीं है। उन्होंने मुशारा व कवि सम्मेलन को एक साथ आयोजित कराने को एकजेहती के लिए अच्छा कदम बताया। उन्होंने आज के मुशायरों पर अफसोस करते हुए कहा कि शायर की जबान सलीका मंद होनी चाहिए और शायरी अदबी होनी चाहिए।
शाईस्ता सना स्टार चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा आयोजित सैयद मजहर अली शाह मेमोरियल आल इंडिया मुशायरा एवं कवि सम्मेलन में शिरकत करने आयीं थी. गोरखपुर न्यूज़ लाइन से बात करते हुए उन्होंने नकली बाबाओं पर तंज कसते हुए कहा –
बंदे थे जो रहीम के और भक्त राम के
दिन-रात खा रहे थे निवाले हराम के
जज ने उसे सजा सुनाई 20 साल की
दस साल है रहीम के दस साल राम के
म्यांमार में रोहिंग्या मुसलमानों के दर्द के साथ खुद को जोड़ते हुए कहा कि
हंसते हुए बच्चों को बिलखता छोड़ दिया
मजलूमों को हाय रे तन्हा छोड़ दिया
हत्याओं को पाप बताया था जिसने
उस गौतम ने शायद वर्मा छोड़ दिया