गोरखपुर, 12 दिसम्बर। मियां साहब इस्लामियां इंटर कालेज बक्शीपुर में 50 सालों से जारी सीरत के जलसे पर इस वर्ष विराम लग गया है या यूं कहे कि नई कमेटी के चुनाव की भेट चढ़ गया सीरत का जलसा।
पुरानी कमेटी का कार्यकाल इस वर्ष खत्म हो गया लेकिन चुनाव अभी तक नहीं हो सका। उसका खामियाजा कालेज के वार्षिक उत्सव यानी सीरत के जलसे पर पड़ा। कालेज का जलसा आखिरी पैगंबर हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहौ अलैहि वसल्लम की सीरत पर केंद्रित रहता था। नवंबर माह में तीन दिनों तक यह जलसा होता था। जिसमें बच्चों के बीच किरत, तकरीर, क्वीज सहित अन्य प्रतियोगिताएं होती थीं। दीनी नुमाइश भी लगती थीं। जिसमें पूरा इस्लामिक इतिहास विभिन्न चार्टों द्वारा दर्शाया जाता था। मुस्लिम बादशाहों के बारे में विस्तृत जानकारी दी जाती थीं।
में कई इस्लामिक मकामात के दर्शन किए जा सकते थे। छोटी कुरआन शरीफ व पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब के दुर्लभ खत की छायाप्रति दर्शन के लिए रखी जाती थीं। तीन दिनों तक कालेज की रंगत देखते ही बनती थीं। यह जलसा बच्चों को इस्लाम को करीब से जानने का अवसर मुहैया करवाता था। शुभारंभ व समापन अवसर मशहूर बौद्धिक व्यक्ति का संबोधन हुआ करता था। अबकी सभी इंतजार करते रह गए लेकिन जलसा नहीं हुआ। साल भर बच्चे इस जलसे का इंतजार करते रहते है। इस जलसे में मदरसों के बच्चे भी हिस्सा लिया करते थे। नया साल शुरू होने में 19 दिन बचे हुए है लेकिल इस साल जलसे की गुंजाइश न के बराबर है।