महराजगंज, 20 दिसम्बर। तेंदुए भोजन की ही तलाश में जंगल से बाहर निकलते हैं तथा कुहरे में रास्ता भटक जाते हैं। ऐसी स्थिति में जंगल के आसपास के लोगों को सतर्क रहना चाहिए।
डीएफओ मनीष सिंह ने बताया कि जाड़े के मौसम में जंगल के बीच घास सूख जाती है जिससे शाकाहारी वन्यजीवों को चारा नही मिल पाता हैं। चारा के लिए ही शाकाहारी वन्यजीव जैसे हिरण व जंगली सूअर जंगल के किनारे खेतों में चरने चले आते हैं। चूंकि तेंदुए और बाघ अपना शिकार हिरण तथा सूअरों को ही बनाते हैं. इसलिए वे शाकाहारी वन्यजीवों का पीछा करते जंगल के बाहर चले आते है। जब सवेरा होने लगता है तो वे घरों अथवा सुनसान स्थान पर छिप जाता हैं। तेंदुए और बाघ दिन में विचरण नहीं करते हैं।
उन्होंने तेंदुए से बचाव के लिए क्या करें ग्रामीणों को जंगल की ओर अकेले न जाने , बच्चों को अकेले न छोड़ने , पालतू जानवरों को जंगल की तरफ न जाने देने, जंगल की तरफ खुले में शौच न करने न जाने,
शाम के समय अपने घरों के आसपास आग जलाने का सुझाव दिया. डीएफओ ने कहा कि तेंदुआ दिखे तो ग्रामीण सबसे पहले वन विभाग को सूचित करें। जहाँ तेंदुआ हो उसके आसपास भीङ न लगाए और
तेंदुए को अकेले छोङ दें। सुनसान पाकर वह निकल जाएगा। ग्रामीण इस बारे में डीएफओ के मोबाइल नंबर 7839435100 पर जरूर सुचना दें।