गोरखपुर , 11 जनवरी. एनआरएचएम घोटाले की जांच के दायरे मेें आये पूर्व सीएमओ डा. पवन श्रीवास्तव ने बुधवार की दोपहर में अपने बेडरूम में लाइसेंसी पिस्टल से खुद को गोली मार आत्महत्या कर ली।
डा. पवन श्रीवास्तव 2010 में उत्तर प्रदेश स्वास्थ्य सेवाएं में निदेशक के पद से रिटायर हुए थे. उन्हें
एनआरएचएम घोटाले में आरोपी बनाया गया था और 15 जनवरी को सीबीआई कोर्ट दिल्ली में उनकी पेशी थी. डॉ पवन गोरखनाथ थाना क्षेत्र के राजेन्द्र नगर महावीरपुरम में रहते थे. रिटायरमेंट से करीब डेढ़ महीने पहले उनकी पत्नी का देहांत हो गया था। उसके बाद से ही वह डिप्रेशन में थे और घर से कम ही बाहर निकलते थे। शहर के एक मनोचिकित्सक के यहां उनका इलाज चल रहा था।
डा. पवन के बेटे डा. पंकज दंत चिकित्सक हैं बरगदवा में उनकी क्लीनिक है। पंकज की पत्नी एकता श्रीवास्तव ने बताया कि सास की मौत और उसके तत्काल बाद रिटायर होने से वह डिप्रेशन में रहते थे। ऊपर से सीबीआई के बुलाने पर उनका अक्सर दिल्ली और लखनऊ आना-जाना होता था. उससे भी परेशन रहते थे। घुटनों के दर्द ने भी इन दिनों उन्हें परेशान किया था। शहर के एक मनोचिकित्सक के यहां उनका इलाज चल रहा था। मंगलवार को डॉक्टर को दिखा कर लौटे थे।
एकता के अनुसार डा. पवन श्रीवास्तव ने मकान में ही हनुमान मंदिर बनवाया है। उसी में अन्य देवी-देवताओं की भी तस्वीर है। सुबह उठने के बाद मंदिर की सफाई और पूजा-पाठ कर ही वह नाश्ता करते थे। मंगलवार की सुबह देर से उठे और स्नान करने के बाद मंदिर में पूजा-पाठ करने गए। वहां से सीधे कमरे में गए और अपने कनपटी पर गोली मार ली।