गोरखपुर, 18 जनवरी। आमी बचाओ मंच के एक प्रतिनिधि मंडल ने आज कमिश्नर से मिलकर आमी नदी में प्रदूषण को कम करने के लिए गीडा में 35 एमएलडी क्षमता का कामन इंफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट (सीईटीपी) लगाने के बजाय 5 एमएलडी का प्लांट लगाये जाने का विरोध किया और उन्हें ज्ञापन दिया.
मंच के अध्यक्ष विश्वविजय सिंह की अगुवाई में अगये प्रतिनिधि मंडल ने कमिशनर से कहा कि आमी बचाओ मंच के बैनर तले चले लम्बे जन संघर्ष एवं क़ानूनी लड़ाई के बाद गीडा द्वारा कामन इंफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट लगाने की स्वीकृति लगभग चार वर्ष पूर्व दी गयी. गीडा प्रशासन इसे लगाने के बजाय लगातार फाइलों में उलझाकर सिर्फ कागजी खानापूर्ती करने में लगा है और अब तो गीडा प्रशासन पूँजी पतियों के इशारे पर उचित मानक का ट्रीटमेंट प्लांट लगाने के बजाय बहुत छोटे क्षमता का ट्रीटमेंट प्लांट लगाकर 10 वर्षो के आमी बचाने के अभियान के साथ धोखा करने की साजिश कर रहा है।
श्री विश्वविजय ने कहा कि गीडा द्वारा नामित कार्यदायी एजेन्सी उ प्र जल निगम ने 35 एमएलडी की क्षमता का 115.25 करोड़ की लगत के प्लांट का डीपीआर बनाकर गीडा के सामने प्रस्तुत किया जो आमी नदी के प्रदूषण एवं गीडा के उद्योगों से निकलने वाले कचरे तथा भविष्य की चुनौतियों को देखते हुए बनाया गया था. इसके वित्त पोषण हेतु भारत एवं उ प्र सरकार को समय-समय पर गीडा ने पत्र भी लिखा है किन्तु इसे लगवाने के वजाय गीडा प्रशासन अब ट्रीटमेंट प्लांट के नाम पर आमी के तटवर्ती लोगो को झुनझुना पकड़ाने की साजिश कर रहा है. आमी बचाओ मंच ऐसी किसी भी साजिश को बर्दाश्त नही करेगा और इसके विरुद्ध संघर्ष करेगा.
श्री सिंह ने कहा कि शीघ्र ही आमी संवाद यात्रा निकालकर तटवर्ती इलाके के लोगो को हो रही साजिशो से अवगत कराकर एक बार पुनः सड़क की लड़ाई को तेज किया जायेगा.