छोटे काजीपुर में ‘जश्न-ए-गौसुलवरा’ जलसा का आयोजन
गोरखपुर। गुलामाने गौसुल आजम कमेटी के तत्वावधान में सोमवार को छोटे काजीपुर (काजीपुर खुर्द) में ‘जश्न-ए-गौसुलवरा’ जलसा आयोजित किया गया। जलसे के मुख्य अतिथि मुरादाबाद के मौलाना इमरान हनफी ने कहा कि इस्लाम के बानी पैगंबर हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहौ अलैहि वसल्लम ने आला अखलाक की तालीम दी। इंसान को सच्चाई का रास्ता दिखाया और सभी को बराबरी का हक दिया। जो भी इस्लाम का जितना अध्ययन करता है उसका यकीन पुख्ता हो जाता है कि यह मजहब तलवार से नहीं बल्कि अखलाक से फैला है।
उन्होंने कहा कि इस्लाम ने लोगों को मोहब्बत का पैगाम दिया है। इस्लाम जोड़ता है, तोड़ता नहीं। इस्लाम सबका भला चाहता है। मुसलमान अमन का पैरोकार है वो दुनिया में शांति चाहता है। हजरत गौसे पाक, ख्वाजा गरीब नवाज, हजरत मसूद गाजी, हजरत निजामुद्दीन औलिया आदि ने मोहब्बत का पैगाम आम किया।
अध्यक्षता करते हुए गौसिया मस्जिद के इमाम मौलाना मोहम्मद अहमद ने कहा कि पैगंबर-ए-इस्लाम की दुनिया में तशरीफ आवरी एक ऐसा तारीख साज लम्हा और अजीम इंकलाब है जिसने कायनात को एक नई सिम्त, नया मोड़ और फलाह व कामरानी का एक नया दस्तूर अता किया।
तंजीम कारवाने अहले सुन्नत के सदर मुफ्ती मोहम्मद अजहर शम्सी ने कहा कि मुसलमानों को बहुत गर्व महसूस होता है जब वे पैगंबर-ए-इस्लाम की इस बात को दोहराते है कि ‘‘इल्म हासिल करने के लिए चीन भी जाना पड़े तो जाओ’’। इससे इल्म हासिल करने की अहमियत का पता चलता है भले ही कितनी भी मुश्किलें क्यों न उठानी पड़े।
अंत में सलातो-सलाम के बाद अमन की दुआ की गयी। इस दौरान हाफिज व कारी अंसारुल हक, मौलाना नूर अहमद नूर, सलाउद्दीन, नम्मू, शोऐब खान, कारी शम्सुद्दीन, नूर मोहम्मद दानिश, मारूफ अहमद, अब्दुल कादिर, अली हसन, बरकल्लाह, सलमान सहित तमाम लोग मौजूद रहे।