ओबीसी आर्मी के अध्यक्ष कालीशंकर की आरटीआई से मिली जानकारी
ग्रुप ए, बी और सी में एससी और ओबीसी का प्रतिनिधित्व कोटे से काफी कम
ग्रुप सी में सफाई कर्मचारियों में 45 फीसदी अनुसूचित जाति के
गोरखपुर , 8 फ़रवरी. केन्द्रीय सरकार के विभिन्न मंत्रालयों व उनके विभागों में एससी और ओबीसी की भागीदारी उनके आरक्षण से बहुत कम है. ग्रुप ए, बी और सी में एससी कर्मचारियों की भागीदारी 13 से 17 फीसदी के बीच है तो ओबीसी का प्रतिनिधित्व 13 से 22 फीसदी है जबकि उनका आरक्षण क्रमश: 22 और 27 फीसदी है. ग्रुप सी में सफाई कर्मचारियों में 45 फीसदी अनुसूचित जाति के कर्मचारियों की संख्या 45 फीसदी है.
यह जानकारी ओबीसी आर्मी के राष्ट्रीय अध्यक्ष कालीशंकर ओबीसी द्वारा सूचना अधिकार अधिनियम के तहत मांगी गई जानकारी से मिली है. उन्होंने कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग से जानकारी मांगी थी कि केन्द्रीय सरकार के विभिन्न मंत्रालयों व उनके विभागों में जनवरी 2018 तक कुल कितने कर्मचारी ग्रुप ए, बी, सी, और डी के अन्तर्गत कार्य कर रहे हैं और उसमें कितने लोग ओबीसी, एससी और एसटी वर्ग से हैं ?
आरटीआई के जवाब में भारत सरकार के डिपार्टमेन्ट आॅफ पर्सनल एवं ट्रेनिंग ने एक जनवरी 2016 तक का आंकड़ा बताते हुये जवाब दिया कि केन्द्र सरकार के 78 मंत्रालयों और उनके विभागों में ग्रुप ए, बी, सी को मिलाकर 3257812 लोग कार्यरत हैं, जिसमें एससी के 569768, एसटी के 275984 ओबीसी के 702951 और अन्य के 1705109 है।
Representation of SCs/STs/OBCs as on 01.01.2016
Groups | Total
Employees
|
SCs | STs | OBCs | Others
|
A | 84521 | 11312
|
5005 | 11002 | 57202 |
B | 290598 | 46583 | 20910 | 42975
|
180130 |
C (Excluding
Safai Karmacharies)
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2833696
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489749 | 246685 | 641873 | 1455389 |
C (Safai
Karmacharies)
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48997 | 22124 | 3384 | 7101 | 16388
|
Total | 3257812 | 569768 | 275984
|
702951 | 1709109 |
विभाग द्वारा दी गई जानकारी से पता चलता है कि एससी और ओबीसी जातियों का प्रतिनिधित्व उपरोक्त सेवाओं में उनके आरक्षण से बेहद कम है.
ओबीसी आर्मी के अध्यक्ष ने कहा कि उपरोक्त आंकड़ों को देखते हुए यह बड़ी विडम्बना है कि देश की 55 प्रतिशत से अधिक ओबीसी समाज की आबादी का प्रतिनिधित्व कम है। ओबीसी के 27 प्रतिशत आरक्षण का भी कोटा पूरा नहीं है, जिससे साफ झलक रहा है कि ओबीसी वर्ग के साथ भेद-भाव पूर्ण रवैया अपनाया जा रहा है। इसको लेकर हम न्यायालय और जनता की अदालत में न्याय के लिये जाएंगे। आबादी के अनुसार ओबीसी समाज को हिस्सेदारी देेने के लिये और उनके साथ हो रहे अन्याय व भेद-भाव के खिलाफ 22 फरवरी से ओबीसी अधिकार यात्रा निकाला जायेगा।