प्रमुख सचिव स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण प्रशान्त त्रिवेदी ने गोरखपुर एवं बस्ती मंडल के अफसरों के साथ बैठक कर जेई/एइएस से बचाव की तैयारी जानी
गोरखपुर 3 फरवरी। प्रमुख सचिव स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण प्रशान्त त्रिवेदी ने गोरखपुर एवं बस्ती मंडल के अफसरों से कहा है कि वे जेई/एइएस के बचाव कार्य योजना अभी से तैयार कर लें और स्टाफ, उपकरण, दवा की मांग कर लें। इसमें किसी प्रकार की शिथिलता या उदासीनता क्षम्य नही होगी।
प्रमुख सचिव 2 फ़रवरी को आयुक्त सभागार में गोरखपुर एवं बस्ती मंडल के आयुक्त, डीएम, सीएमओ, सीएमएस के साथ जेई/एइएस के बचाव के लिए तैयारी समीक्षा बैठक को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जेई/एईएस के प्रभावी नियंत्रण के लिए शासन संवेदनशील है। जिले में जिलाधिकारी के नेतृत्व में स्वास्थ्य एवं अन्य विभाग समन्वय स्थापित कर कार्य योजना क्रियान्वित करें।
उन्होंने कहा कि एसएनसीयू की क्षमता वृद्धि की जा रही है और इसको 12 बेड से बढ़ाकर 20 बेड का किया जा रहा है। गोरखपुर, देवरिया, बस्ती, महराजगंज, सिद्धार्थनगर के जिला अस्पताल में पीआईसीयू में 5-5 बेड की और वृद्धि की जा रही है. साथ ही ब्लाकों में मिनी पीकू भी बनाया जायेगा। उन्होंने कहा कि सभी लोग अपनी पूरी क्षमता से कार्य करकें कही भी संसाधन एंव धन की कमी को आड़े नही आने दिया जायेगा।
उन्होंने कहा कि फरवरी मार्च महीने में सम्पूर्ण प्रशिक्षण का कार्यक्रम चलेगा। इसमें दोनो मंडल के डाक्टरों की ट्रेनिंग बीआरडी मेडिकल कालेज में होगी। इसके बाद सभी एएनएम, आशा का शत प्रतिशत प्रशिक्षण कराया जायेगा। पिछले वर्ष लगभग 75 प्रतिशत ही स्टाफ की ट्रेनिंग हो पायी थी।
प्रमुख सचिव ने कहा कि अप्रैल माह को संक्रामक रोग नियंत्रण माह के रूप में मनाया जायेगा। इसमें एक तरफ तो सभी गांव, कस्बो में स्वच्छता अभियान चलेगा। लोगो को जागरूक करने के लिए रैली होगी, प्रचार-प्रसार अभियान चलेगा वही दुसरी तरफ दवाओ का स्प्रे एंव फागिंग करायी जायेगी इसके लिए स्वास्थ्य विभाग को नोडल नामित किया गया है।
उन्होंने कहा कि अप्रैल माह में जेई का टीकाकरण अभियान संचालित होगा तथा शत-प्रतिशत बच्चों को टीका लगा दिया जायेगा। 617 हाईरिस्क गांव जहां जेई/एइएस का केस मिला-सघन स्वच्छता अभियान चलाया जायेगा।
उन्होंने कहा कि अन्र्तविभागीय समन्वय स्थापित करने के लिए पंचायती राज विभाग, जल निगम, बाल विकास पुष्टाहार विभाग, बेसिक शिक्षा ,पशुपालन आदि विभागो को जोड़ा जायेगा। ये विभाग भी अपनी कार्य योजना देंगे, और समय से कार्य पूरा करेंगे। विभाग मल्टी सेक्टोरल एक्टिविटी करेंगे। बच्चों एंव माता का पोषण स्तर बढ़ाना होगा।
प्रमुख सचिव ने दोनों मण्डल के डीएम एंव सीएमओ से रिपोर्ट लिया साथ ही लखनऊ से जिलों में भेजे गये संयुक्त निदेशक से फीडबैक लिया। प्रभारी मण्डलायुक्त/डीएम राजीव रौतेला ने बताया कि जिले के 23 ई.टी.सी. सेन्टर में स्टाफ की कमी है. उनके सुदृढ़ीकरण की भी आवश्यकता है। गगहा, पिपरौली तथा चौरी चौरा मिनी पीकू स्थापना के लिए उन्होंने शीघ्रता करने का अनुरोध किया।
आयुक्त बस्ती दिनेश सिंह ने कहा कि दवा का प्रोटोकाल निर्धारित किया जाये और डाक्टर उसका पालन करें। जिलाधिकारी देवरिया सुजीत कुमार, कुशीनगर के आन्द्रा वामसी, संतकबीरनगर के मार्कण्डेय शाही, सिद्धार्थनगर के कुनाल सिल्कू, महाराजगंज के सीडीओ एम. सिंहासन प्रेम ने जिले की तैयारी की जानकारी दिया।
बैठक में अपर आयुक्त प्रशासन संजय सिंह, अपर निदेशक स्वास्थ्य पुष्कर आनन्द एंव विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।