-नए सत्र की परीक्षा के लिए आवेदन की अंतिम तिथि 10 फरवरी
-उप्र मदरसा शिक्षा परिषद की लापरवाही
गोरखपुर, 8 फ़रवरी। उप्र मदरसा शिक्षा परिषद की एक और लापरवाही सामने आयी है। वर्ष 2017 की मुंशी, मौलवी, आलिम, कामिल व फाजिल परीक्षा का त्रुटिपूर्ण परीक्षाफल अभी तक दुरुस्त नहीं हो सका है। वहीं वर्ष 2018 की परीक्षा के लिए आवेदन की अंतिम तिथि 10 फरवरी है। मदरसा संचालक व छात्र लखनऊ तक चक्कर लगाने को मजबूर है।
पीड़ित छात्र शहबाज सिद्दीकी व मोहम्मद फहीम अली ने अपना दर्द बयां करते हुए बताया कि उन्होंने मदरसा दारूल उलूम हुसैनिया दीवान बाजार से कामिल द्वितीय वर्ष की मुकम्मल परीक्षा दी थी। जब परीक्षाफल आया तो उन्हें अंग्रेजी विषय में अनुपस्थित दिखा कर अनुत्तीर्ण कर दिया गया। परीक्षाफल दुरूस्त करवाने के लिए समय से आवेदन किया लेकिन कुछ नहीं हुआ।
उसके बाद उपस्थिति पंजीका सहित तमाम कागज इकट्ठा किया और मदरसे के प्रधानाचार्य हाफिज नजरे आलम कादरी को साथ लेकर 29 जनवरी को परिषद के रजिस्ट्रार राहुल गुप्ता से फरियाद भी लगायी लेकिन उसके बावजूद भी कुछ नहीं हुआ। कोई रास्ता नजर नहीं आ रहा है। परिषद की लापरवाही से साल व मेहनत दोनों बर्बाद हो सकती है। कामिल तृतीय वर्ष का फार्म कैसे भरे कुछ समझ नहीं आ रहा है। शहबाज तो यहां तक कहते हैं कि जब तक परीक्षाफल दुरुस्त नहीं करवा लूंगा तब तक चैन से नहीं बैठूंगा।
परिषद की लापरवाही से पीड़ित शहबाज व फहीम तो मात्र एक उदाहरण है ऐसा मामला जिले में एक दो नहीं बल्कि करीब कई दर्जन से अधिक है। पूरी परीक्षा देने के बावजूद सैकड़ों छात्रों को अनुपस्थित दिखा कर अनुत्तीर्ण कर दिया गया। समय से परीक्षाफल दुरुस्त करवाने के लिए आवेदन भी किया गया लेकिन सही तरीके से सुनवाई नहीं हुई।
मदरसा दारूल उलूम हुसैनिया दीवान बाजार के प्रधानाचार्य हाफिज नजरे आलम कादरी तीन मदरसों के करीब दो दर्जन छात्रों का परीक्षाफल दुरुस्त करवाने के लिए काफी समय से परिषद में गुहार लगा चुके है, 29 जनवरी को फिर गए थे लेकिन थक हार के वापस लौट आए।
छात्रों की परेशानियों का परिषद पर कोई असर ही नहीं हो रहा है। चूंकि नए सत्र के परीक्षा आवेदन में महज तीन दिन ही बचे हुए है ऐसे में परीक्षाफल दुरुस्त होने व अंकपत्र मिलने की संभावना कम ही नजर आ रही है।