खबर का असर, उप्र मदरसा शिक्षा परिषद
गोरखपुर, 12 फरवरी। उप्र मदरसा शिक्षा परिषद ने वर्ष 2017 के कामिल द्वितीय वर्ष के छात्र शहबाज सिद्दीकी व मोहम्मद फहीम अली का रिजल्ट तो दुरूस्त कर दिया लेकिन बाकी 22 छात्रों को नजरअंदाज कर दिया।
छात्र शहबाज सिद्दीकी विगत दो दिनों से लखनऊ रजिस्ट्रार कार्यालय में डंटे हुए थे। इसी वजह से परिषद ने तवज्जो दी, नहीं तो बाकी छात्रों की तरह शहबाज व फहीम का भी रिजल्ट अधर में पड़ा रहता।
परिषद ने गोरखपुर न्यूज़ लाइन की 8 फरवरी की खबर देखकर ही खासी दिलचस्पी दिखायी। वरना परिषद का रवैया बेहद गैर जिम्मेदाराना ही रहा है। वर्ष 2018 की परीक्षा (मुंशी, मौलवी, आलिम, कामिल, फाजिल) के लिए 10 फरवरी को ऑनलाइन आवेदन की अंतिम तिथि है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ऑनलाइन आवेदन में पांच दिनों का इजाफा हो सकता है।
बहरहाल गोरखपुर न्यूजू लाइन की खबर, शहबाज व फहीम की मशक्कत से रिजल्ट तो दुरूस्त हो गया और इंटरनेट पर अपलोड भी कर दिया गया है। शहबाज व फहीम अब कामिल तृतीय वर्ष की परीक्षा में आवेदन कर सकते है। दोनों का साल खराब होने से बच गया है, जबकि इन्हीं दो छात्रों के साथ मदरसा दारूल उलूम हुसैनिया दीवान बाजार के प्रधानाचार्य हाफिज नजरे आलम कादरी ने करीब 22 छात्रों का त्रुटिपूर्ण रिजल्ट दुरूस्त करवाने के लिए परिषद को सौंपा था लेकिन परिषद ने उस पर बिल्कुल ही ध्यान नहीं दिया। श्री नजरे 29 जनवरी, 7 फरवरी और उससे पहले भी कई बार परिषद के रजिस्ट्रार राहुल गुप्ता से फरियाद लगा चुके है। उसके बावजूद भी कुछ हुआ नहीं।