लखनऊ निशातगंज के कैफ़ी आज़मी एकेडमी में दमन के खिलाफ आवाज़ बुलंद करेगा युवा नेतृत्व
जातीय- सांप्रदायिक हिंसा और फर्जी मुठभेड़ के खिलाफ होगा सम्मलेन
प्रतापगढ़ कि राबिया मामले कि हो निष्पक्ष जाँच –मंच
लखनऊ, 8 फ़रवरी. रिहाई मंच शाहिद आज़मी की शहादत की आठवीं बरसी पर जातीय हिंसा, साम्प्रदायिकता और फर्जी मुठभेड़ के खिलाफ लखनऊ के कैफ़ी आज़मी एकेडमी निशातगंज में 11 फरवरी को सम्मलेन करेगा. सम्मलेन 10 बजे से शाम 5 बजे तक चलेगा जिसमें सामाजिक न्याय के लिए संघर्षरत भीम आर्मी, अम्बेडकरवादी छात्र सभा, न्याय मंच बिहार, बुंदेलखंड दलित अधिकार मंच, अम्बेडकर भगत सिंह विचार मंच, दलित–आदिवासी पिछड़ा अल्पसंख्यक न्याय मंच, भारतीय किसान यूनियन, जन मंच,भगत सिंह छात्र नौजवान सभा और विश्वविद्यालयों के नेता शामिल होंगे.
रिहाई मंच प्रवक्ता अनिल यादव ने बताया कि सम्मलेन में भीम आर्मी के नेता विनयरतन, गोरखपुर के अम्बेडकरवादी छात्र सभा की महिला मोर्चा की अध्यक्ष अन्नू प्रसाद, बलिया से दलित आदिवासी पिछड़ा अल्पसंख्यक न्याय मंच के बलवंत यादव और राघवेन्द्र राम, न्याय मंच के संयोजक प्रशांत निहाल, बुन्देलखण्ड दलित अधिकार मंच के कुलदीप कुमार, डुमरियागंज से डॉ मज़हर, गोंडा से शबरोज़ मुहम्मदी, आगरा से हिरासती हत्या पर संघर्षरत सूचनाधिकार कार्यकर्ता नरेश पारस, मुज़फ्फरनगर से उस्मान, मुरादाबाद से सामाजिक कार्यकर्ता सलीम बेग, चित्रकूट से लक्ष्मण प्रसाद, प्रतापगढ़ पट्टी में हो रहे जातीय उत्पीड़न झेल रहे पीड़ितों के प्रतिनिधि शैलेन्द्र यादव, सोशल मीडिया पर लिखने कि वजह से दमन झेल रहे जाकिर अली त्यागी और बृजेश बागी, जेएनयू से छात्रनेता दिलीप कुमार, इलाहाबाद विवि से सुनील यादव और दिनेश चौधरी, अलीगढ़ विवि से आमिर मंटोई समेत बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर विवि, फैजाबाद विवि और लखनऊ विवि के छात्रनेता शामिल होंगे.
अनिल यादव ने बताया कि 7 फरवरी को सम्मलेन को लेकर बैठक की गयी. बैठक में वक्ताओं ने कहा कि योगी सरकार आने के बाद दलितों-पिछड़ों और मुसलमानों पर लगातार उत्पीड़न हो रहा है और इसी सामाजिक आधार से आने वालों को फर्जी मुठभेड़ में निशाना बनाया जा रहा है. साथ ही साथ सरकार इनके रोजी-रोटी के खिलाफ भी नीतियाँ बना रही है. अभी हाल में ही योगी सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में भी मीट से जुड़े छोटे-छोटे अनियमित दुकानदारों को लाइसेंस अनिवार्य करके उनके पेट पर लात मार रही है. बैठक में वक्ताओं ने कहा कि सरकारी आंकड़े के मुताबित योगी सरकार में महिलाओं के खिलाफ हिंसा लगातार बढ़ रही है. नीतिगत आधार पर सरकार का विरोध करने वालों के लिए यूपीकोका जैसा जनविरोधी कानून लाया जा रहा है. इन सारे सवालों पर सम्मलेन में आवाज़ बुलंद किया जायेगा.
रिहाई मंच ने मंगलवार को राबिया के घर का दौरा किया.रिहाई मंच के शम्स तबरेज़ ने मौके पर कहा कि इस मामले में पुलिस प्रशासन पर सत्ताधारी पार्टी का दबाव पड़ रहा है क्योंकि इस मामले में स्थानीय भाजपा नेता का नाम भी आ रहा है. जघन्य बलात्कार के बाद हत्या की उच्चस्तरीय जांच की मांग की। राबिया की4 फरवरी को स्थानीय अपराधियों ने राबिया के साथ सामूहिक बलात्कार किया और फिर साक्ष्य मिटाने के लिए दरिंदगी की हद को पर करते हुए उसके शरीर को क्षत विक्षत कर दिया। आरोपियों में से एक नगर पालिका का कर्मचारी भी है। बाद में स्थानीय लोगों ने राबिया को अस्पताल पहुंचाया पर उसे बचाया नही जा सका। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में राबिया के साथ बलात्कार की पुष्टि हुई है। रिहाई मंच इस मामले की निष्पक्ष जांच और दोषियों को जल्द से जल्द पकड़ने और कार्रवाई की मांग की है।