बिजली विभाग को नहीं मिला ले-आउट, सिविल डिवीजन व विद्युत माध्यमिक कार्य खंड ने लिखा कार्यदायी फर्म को पत्र
गोरखपुर, 15 मार्च। बहुप्रतीक्षित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की कार्यदायी संस्था हाइट्स (एचएलएल इंफ्राटेक सर्विसेज लिमिटेड) के रिवाइज्ड प्लान के कारण बिजली घर का निर्माण रुक गया है। रिवाइज्ड प्लान के अनुसार यदि मिट्टी डाली गई तो यह बाउंड्री से तकरीबन एक मीटर ऊंची हो जाएगी। बिजली निगम के अफसरों का कहना है कि कार्यदायी संस्था के इंजीनियर के आए बिना आगे का काम नहीं कराया जाएगा। बिजली निगम के सिविल डिवीजन एवं विद्युत माध्यमिक कार्यखंड के अफसरों ने कार्यदायी फर्म हाइट्स को पत्र लिखा है।
कूड़ाघाट क्रासिंग की तरफ एम्स परिसर में बिजली उपकेंद्र का निर्माण होना है। 42 सौ वर्ग मीटर क्षेत्रफल (60 गुणे 70 वर्गमीटर) में बिजली उपकेंद्र बनाने के लिए शासन ने 21.73 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया है। इससे एम्स परिसर में 11 केवी की लाइन बिछानी है और पुरानी लाइन को हटाना है। इसके लिए पहली किश्त के रूप में 8.51 करोड़ रुपये जारी भी हो चुके हैं। बिजली निगम के अफसरों का कहना है कि कार्यदायी संस्था हाइट्स ने अब तक लेआउट भी नहीं दिया है और उपकेंद्र परिसर में दो मीटर ऊंची मिट्टी डालने को कहा है। यदि ऐसा होगा तो न सिर्फ एम्स की बाउंड्री ढक जाएगी और बिजली के केबिल भी तकरीबन साढ़े तीन मीटर जमीन के अंदर चले जाएंगे। इस कारण केबिल के मेंटीनेंस में दिक्कत होगी। हाइट्स के जिम्मेदारों को कई बार इस संबंध में बताया जा चुका है लेकिन उन्होंने अपना इंजीनियर या कोई अफसर अब तक नहीं भेजा है। बिजली निगम के अफसरों का कहना है कि कार्यदायी फर्म द्वारा अभी तक ले-आउट भी नहीं दिया गया है जिससे कार्य में विलंब हो रहा है।