गोरखपुर लोकसभा उपचुनाव में 2014 के तुलना में 7 फीसदी कम मतदान, शहर विधान सभा में तो ११ फीसदी कम मतदान , हर विधान सभा क्षेत्र में गिरा मतदान प्रतिशत
मनोज कुमार सिंह/सैयद फरहान अहमद
गोरखपुर, 11 मार्च। गोरखपुर लोकसभा सीट के उपचुनाव के लिए आज हुए मतदान में मतदान केन्द्रों पर मतदाताओं की लम्बी कतार देखने के लिए आंखें तरस गईं। ग्रामीण क्षेत्रों मेें भी पिछले चुनावों के मुकाबले मतदाताओं में मतदान को लेकर उत्साह नहीं दिखा। शहर के मतदान केन्द्रों का तो और भी बुरा हाल था। यहां पर पूरे दिन इक्का-दुक्का मतदाता वोट डालने के लिए आते रहे।
मतदाताओं के ठंडे रूख का आलम यह था कि प्रेस फोटोग्राफरों को तमाम बूथों पर घूमने के बजाय लम्बी कतार का एक दृश्य कैमरे में कैद करना नसीब न हुआ।
गोरखपुर में वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव के मुकाबले लगभग सात फीसदी कम मतदान हुआ है। गोरखपुर के जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार गोरखपुर लोकसभा क्षेत्र में कुल 47.75 फीसदी मतदान हुआ। गोरखपुर शहर विधानसभा सीट पर तो औसत मतदान से दस फीसदी कम यानि 37.7 फीसदी मतदान हुआ।
कम मतदान के कई कारण माने जा रहे हैं। तमाम बूथों पर ईवीएम मशीन खराब हुई और उसे ठीक करने या दूसरी मशीन से बदलने में काफी समय लगा जिसके कारण मतदान बाधित हुआ और मतदाता वापस लौट गए। बड़ी तादाद में मतदाओं का नाम मतदाता सूची से गायब रहा। कम से कम दो स्थानों पर मतदान बहिष्कार की भी खबर आई है।
इसके अलावा मतदाताओं में इस चुनाव को लेकर कोई उत्साह देखने को नहीं मिला। वे घर से वोट देने नहीं निकले। महिला मतदाताओं में भी उत्साह नहीं देखा गया जबकि वह पहले बढ-चढ़ कर हिस्सा लेती रही हैं। गोरखपुर शहर के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों के कस्बों में गांवांे के मुकाबले कम मतदान हुआ।
गोरखपुर लोकसभा क्षेत्र में सबसे अधिक 52 फीसदी वोट पिपराइच विधानसभा क्षेत्र में पड़े। इसके बाद सहनजवां का नम्बर रहा जहां 50.07 फीसदी वोट पड़े। कैम्पियरगंज में 49.43 और गोरखपुर ग्रामीण में 45.74 फीसदी मत पड़े।
वर्ष 2014 के मतदान आंकड़ों के मुताबिक उपचुनाव में कुल 7.22 फीसदी कम मतदान हुआ। विधानसभा वार सीटों पर मतदान प्रतिशत की तुलना करें तो वर्ष 2014 लोकसभा चुनाव के बरक्स इस चुनाव में कैम्पियरगंज विधानसभा सभा क्षेत्र में 5.24 फीसदी, पिपराइच में 7.02 फीसदी, गोरखपुर शहर में 11.04 फीसदी, गोरखपुर ग्रामीण में 6.24 और सहजनवां में 4.75 फीसदी कम मतदान हुआ है।