सैयद फरहान अहमद
गोरखपुर, 8 मार्च। चंपा देवी पार्क में समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी इंजनीयिर प्रवीण कुमार निषाद के समर्थन में 7 मार्च को आयोजित सभा में बसपा के झंडे तो खूब नजर आये लेकिन बसपाई नजर नहीं आये.
सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की सभा में निषाद पार्टी के अध्यक्ष डा. संजय कुमार निषाद, राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष डा. मसूद व पीस पार्टी के अध्यक्ष डा. अय्यूब अंसारी तो थे ही उनकी पार्टी के कार्यकर्ता भी झंडे के साथ मौजूद थे. इन नेताओं ने सभा को संबोधित भी किया लेकिन कमी खली बसपाईयों की। बसपा का न कोई बड़ा पदाधिकारी न कार्यकर्ता कहीं नजर नहीं आया। सपा की लाल टोपी, निषाद पार्टी की मैरून टोपी, रालोद की हरी टोपी, पीस पार्टी की फिरोजी टोपी के बीच बसपा की नीली टोपी गुम थी.
बसपा के समर्थन कर देने मात्र से बसपा का वोट सपा के खाते में ट्रांसफर होने वाला नहीं. यहां सवाल लाजमी है कि आखिर यह कैसा समर्थन है कि सपा, बसपा सुप्रीमो का शुक्रिया करते थक नहीं रही है लेकिन वहीं बसपा के समर्थन में वह गंभीरता नजर नहीं आ रही है। मतदान 11 मार्च को है और कहीं न कहीं बसपा के समर्थन की तैयारियां नामुकम्मल है। बसपा के वोट को सपा के लिए सहेजना उतना आसान नहीं है जितना सपाई उम्मीद लगाये बैठे है। बसपा का वोट ही इस चुनाव में टर्निंग प्वाइंट बनेगा और जीत हार में फैसलाकुन.
खैर आज की सभा में सपा का छोटे से लेकर बड़ा नेता मौजूद रहा लेकिन उनके भाषणों में जोश व जज्बे का अभाव रहा. अखिलेश यादव भी पुरानी टोन (विधानसभा चुनाव वाली) में ही नजर आये. कुल मिलाकर यह चुनाव संजीदा तो जरूर है। पिछले लोकसभा चुनाव में बसपा प्रत्याशी ने डेढ़ लाख से ज्यादा वोट बटोरे थे।। सपा उन्हीं वोटों पर आस लगाए फतह का ख्वाब देख रही है।