गोरखपुर। बीआरडी मेडिकल कालेज में वर्ष 2018 में भी बच्चों की मौत में कोई कमी नहीं आ रही है। वर्ष 2018 के तीन महीनों में 504 बच्चों की मौत हो गई है. इसमें नवजात शिशु, इंसेफेलाइटिस मरीज और अन्य बीमारियों से ग्रस्त बच्चे हैं.
यह जानकारी गोरखपुर न्यूज लाइन को मेडिकल कालेज से विश्वसनीय सूत्रों से मिली है. बीआरडी प्रशासन अगस्त महीने में आक्सीजन कांड के बाद से बच्चों की मौत के बारे में अधिकृत जानकारी नहीं दे रहा है. इस कारण मीडिया को सूत्रों पर निर्भर रहना पड़ रहा है.
बीआरडी मेडिकल कालेज में नियो नेटल आईसीयू (एनआईसीयू) में एक जनवरी से 31 मार्च तक 329 बच्चों की मौत हुई. इसी अवधि में पीडियाट्रिक आईसीयू (पीआईसीयू) में 175 बच्चों की मौत हुई है. पीआईसीयू में इंसेफेलाइटिस मरीजों को भी रखा जाता है.एक जनवरी से 31 मार्च तक इस वार्ड में इंसेफेलाइटिस के 85 मरीज भर्ती हुए जिसमें 33 की मौत हो गई.
यहां उल्लेखनीय है कि बीआरडी मेडिकल कालेज में पूर्वी उत्तर प्रदेश के 10 जिलों-गोरखपुर, महराजगंज, देवरिया, कुशीनगर, बस्ती, सिद्धार्थनगर, संतकबीरनगर, आजमगढ़, बलिया, देवीपाटन आदि जिलों के अलावा पश्चिमी बिहार से गोपालगंज, सीवान, पश्चिमी चम्पारण, पूर्वी चम्पारण आदि जिलों के बच्चे भी इलाज के लिए आते हैं. एनआईसीयू में भर्ती होने वाले शिशु संक्रमण, सांस लेने में दिक्कत, कम वजन की समस्या से ग्रस्त होते है.
इस वर्ष के शुरू के तीन महीनों में बच्चों की मौत पिछले वर्ष की अपेक्षा कम है। वर्ष 2017 में जनवरी, फरवरी और मार्च महीने में पीआईसीयू में 216 और एनआईसीयू में 401 बच्चों की मौत हुई थी. इस अवधि में इंसेफेलाइटिस से 32 बच्चों की मौत हुई थी.
माह | एनआईसीयू | पीआईसीयू | एईएस |
जनवरी | 89 | 40 | 6 |
फरवरी | 85 | 55 | 9 |
मार्च | 155 | 80 | 18 |
कुल | 329 | 175 | 33 |