गोरखपुर, 19 मई. बीआरडी मेडिकल कालेज में साढे चार महीनों (136 दिन ) में 805 बच्चों की मौत हो गई है। इनमें इंसेफेलाइटिस से ग्रस्त 60 बच्चे भी शामिल हैं। इस अवधि में सबसे अधिक एनआईसीयू (नियोनेटल इंटेसिव केयर यूनिट) में 522 बच्चों की मौत हुई। ये बच्चे संक्रमण, सांस सम्बन्धी दिक्कतों, कम वजन आदि बीमारियों से पीड़ित थे।
बीआरडी मेडिकल कालेज के बाल रोग विभाग में नवजात शिशुओं को एनआईसीयू और बड़े बच्चों को पीआईसीयू पीडियाटिक इंटेसिव केयर यूनिट में भर्ती किया जाता है। पीआईसीयू में इंसेफेलाइटिस से ग्रस्त बच्चों को भी इलाज के लिए भर्ती किया जाता है।
वर्ष 2018 (आंकड़े 16 मई तक के हैं )
Month | NICU | PICU | Total |
January | 89 | 40 | 129 |
February | 85 | 55 | 140 |
March | 155 | 80 | 235 |
April | 118 | 68 | 186 |
May | 75 | 40 | 115 |
Total | 522 | 283 | 805 |
मेडिकल कालेज में इस वर्ष 16 मई तक एनआईसीयू में 522 बच्चों की मौत हो गई जबकि पीआईसीयू में 283 बच्चों की मृत्यु हुई है। पीआईसीयू में इस अवधि में मृत बच्चों में 60 इंसेफेलाइटिस रोगी थे।
वर्ष 2017 में पांच महीनों (151 दिन)-जनवरी, फरवरी, मार्च, अप्रैल, और मई में 993 बच्चों की मौत हुई थी। इसमें 642 एनआईसीयू में और 351 पीआईसीयू में भर्ती थे।
वर्ष 2017 (आंकड़े 31 मई तक के हैं )
Month | NICU | PICU | Total |
January | 143 | 67 | 210 |
February | 117 | 63 | 180 |
March | 141 | 86 | 227 |
April | 114 | 72 | 186 |
May | 127 | 63 | 190 |
Total | 642 | 351 | 993 |
यह जानकारी गोरखपुर न्यूज लाइन को मेडिकल कालेज से विश्वसनीय सूत्रों से मिली है. बीआरडी प्रशासन अगस्त महीने में आक्सीजन कांड के बाद से बच्चों की मौत के बारे में अधिकृत जानकारी नहीं दे रहा है. इस कारण मीडिया को सूत्रों पर निर्भर रहना पड़ रहा है.
यहां उल्लेखनीय है कि बीआरडी मेडिकल कालेज में पूर्वी उत्तर प्रदेश के 10 जिलों-गोरखपुर, महराजगंज, देवरिया, कुशीनगर, बस्ती, सिद्धार्थनगर, संतकबीरनगर, आजमगढ़, बलिया, देवीपाटन आदि जिलों के अलावा पश्चिमी बिहार से गोपालगंज, सीवान, पश्चिमी चम्पारण, पूर्वी चम्पारण आदि जिलों के बच्चे भी इलाज के लिए आते हैं.