डा. पूर्णिमा शुक्ल की जमानत याचिका पर सुनवाई 7 मई को
गोरखपुर। बीआरडी मेडिकल कालेज के आक्सीजन हादसे मामले में सात महीने से अधिक समय से जेल में बंद पूर्व प्राचार्य डा. राजीव कुमार मिश्र की पत्नी डा. पूर्णिमा शुक्ल की जमानत पर अब सात मई को सुनवाई होगी। आज उनकी जमानत याचिका पर हाईकोर्ट इलाहाबाद में सुनवाई नहीं हो पाई और अगली तारीख लग गई।
डा. राजीव कुमार मिश्र की जमानत याचिका 30 अप्रैल को हाईकोर्ट की डबल बेंच ने खारिज कर दिया था।
दो मई को बीआरडी मेडिकल कालेज के एनस्थीसिया विभाग के अध्यक्ष रहे डा. सतीश कुमार, चीफ फार्मासिस्ट गजानन्द जायसवाल, सहायक लिपिक सुधीर कुमार पांडेय व कनिष्ठ सहायक लेखा अनुभाग उदय प्रताप उदय प्रताप शर्मा की जमानत याचिका पर सुनवाई होनी है।
डा. पूर्णिमा शुक्ल के विरूद्ध 120 बी आईपीसी, 7/13 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 8, 9 के तहत पुलिस ने आरोप पत्र दाखिल किया है। वह राजकीय होम्योपैथिक चिकित्सालय गोला में वरिष्ठ होम्योपैथिक चिकित्साधिकारी के पद पर तैनात थीं। बाद में उनका तबादला बीआरडी मेडिकल कालेज स्थित होमियोपैथी रिसर्च सेंटर में हो गया था।
पुलिस चार्जशीट में उन पर आरोप लगाया गया है कि उनका मेडिकल कालेज के प्राचार्य कार्यालय में पूरा दखल था। वह प्रधानाचार्य के कमरे में भी बैठती थीं। वह अपने पति से कई कार्य करवाए और उसके बदले में उत्कोच प्राप्त किया गया। सप्लाई करने वाली फर्मो से कमीशन लिया और तब उनका भुगतान कराया।
डा. पूर्णिमा शुक्ल के पक्ष का कहना है कि वह कालेज के किसी प्रशासकीय पद पर थी ही नहीं तो उनके द्वारा भ्रष्टाचार किए जाने का कोई सवाल ही नहीं उठाता।