मगहर (संत कबीर नगर), 28 जून. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज मगहर में संत कबीर की समाधि और मजार पर चादर चढ़ाया और 24 करोड़ की लागत से बनने वाले कबीर अकादमी का शिलान्यास किया. इस मौके पर जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा की उनकी सरकार कबीर के आदर्शों पर चल रही है. उन्होंने जन सभा में विपक्षी दलों पर जमकर निशाना साधा.
उन्होंने कहा कि आज मुझे मगहर की पावन धरती पर आने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है. मन को एक विशेष संतोष की अनुभूति हुई. थोड़ी देर पहले संत कबीर दास की समाधि पर फूल चढ़ाने और उनकी मजार पर चादर चढ़ाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ. मैं उस गुफा को भी देख पाया जहां कबीरदास ने साधना किया था. समाज को एक विशेष दिशा देने वाले कबीर दास की भूमि मगहर से मैं उन्हें कोटि-कोटि प्रणाम करता हूं. बाबा गोरखनाथ, कबीर दास और गुरु नानक ने एक साथ बैठकर आध्यात्मिक चर्चा की थी. संपूर्ण मानवता के लिए संत कबीर दास जी जो धन संपत्ति छोड़ गए हैं उसका लाभ हम सभी को मिलने वाला है. संत कबीर दास ने कहा है तीर्थ जाने से एक पुण्य मिलता है परंतु संत की संगत से चार पुण्य प्राप्त हो सकते हैं. मगहर की इस धरती पर कबीर महोत्सव में लोगों को ऐसा ही पुण्य मिलने वाला है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि 24 करोड़ से निर्मित जिससे एकेडमी का शिलान्यास किया गया है उसमें कबीर से जुड़े संपूर्ण बातों को बताया जाएगा. यह एकेडमी लोक विधाओं और उत्तर प्रदेश के आंचलिक विकास का संरक्षण करेगी. कबीर का सारा जीवन सत्य की खोज में निकला. कबीर फक्कड़ स्वभाव के दिल के साथ मस्त मौला थे। कबीर धूल से उठकर माथे का चंदन बन गए. समाज जागरण के लिए ही वह काशी से मगहर आए. गुरु रामानंद के शिष्य कबीर ने जातीय बंधन का विरोध किया. उन्होंने भीतर के अहंकार को खत्म कर अपने अंदर भगवान के दर्शन करने के लिए प्रेरित किया.
उन्होंने संत कबीर के मशहूर दोहे ” कबीरा खड़ा बाजार में सबकी मांगे खैर ना काहू से दोस्ती ना काहू से बैर”, “जब मैं था तब हरी नहीं जब हरी है तो मैं नहीं ” सुनाते हुए कहा कि कुरीतियों के खिलाफ हर क्षेत्र में ऐसे पुण्यात्माओं ने जन्म लिया जिसने यह शक्ति चेतना को बचाने का उसके संरक्षण का कार्य किया. रामानंद ने कबीर को राम नाम की राह दिखाई. इसी कड़ी में संत रैदास, महात्मा गांधी आए. बाबा साहेब आंबेडकर आए जिन्होंने कुरीतियों को खत्म कर कर सभी को बराबरी का अधिकार दिया.
विपक्षी दलों पर हमला करते हुए पीएम ने कहा कि आज इन महान लोगों के नाम पर राजनीति खेली जा रही है जिससे शांति और विकास खत्म कर कलह पैदा किया जा सके, ऐसे लोग जमीन से कट चुके हैं. आपातकाल का विरोध करने वाले आज आपातकाल के समर्थकों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर अपने हितों के लिए देश के हितों को नष्ट कर रहे हैं. मुस्लिम समाज की बहनें आज तीन तलाक हटाने पर पुरजोर सरकार का समर्थन कर रही है परंतु राजनीतिक दल वोट बैंक की राजनीति में रोटी सेक रहे हैं. जिसका शोषण किया जा रहा था समाज में कबीरदास ने उन्हें सशक्त बनाने का कार्य किया और हमारी सरकार भी वही कर रही है. हमारी सरकार ने 80 लाख महिलाओं को उज्जवला गैस योजना के तहत रसोई गैस दिया , सवा करोड़ शौचालय बनवाए, सब्सिडी का सीधा पैसा ट्रांसफर करके गरीबों को सशक्त करने का कार्य किया गया. आज सस्ती स्वास्थ्य सेवा हमारी सरकार द्वारा दिया जा रहा है.
पीएम नरेन्द्र मोदी ने कहा कि पूर्वी उत्तर भारत के लिए हमने विशेष कार्य किया और उसे विकास की मुख्यधारा से जोड़ा. अभिशप्त भूमि को हमने जोड़ने का कार्य किया. मगहर की स्थिति वैसे ही नहीं थी जैसी होनी चाहिए थी. पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम ने इस जगह के लिए सपना देखा. हम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसके लिए कार्य करने जा रहे हैं. स्वदेश दर्शन केंद्र के तहत इस को विकसित करने का हम कार्य करेंगे.
प्रधानमंत्री ने उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को निशाने पर लिया. उन्होंने कहा कि जब गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना शुरू हुई, तो समाजवादी पार्टी की सरकार ने उसके लिए डेटा नहीं दिया. हमारी सरकार ने काफी चिट्ठियां लिखी और फोन किया लेकिन उनकी सरकार सिर्फ हाथ पर हाथ रख कर बैठी रही. उन्होंने कहा कि कबीर ने कहा था कि सेवा में मन लगाओ, लेकिन कुछ लोगों को मन सिर्फ अपना बंगले में लगा हुआ है. समाजवाद और बहुजन की बातें करने वाले लोग आज जनता को ठगने का काम कर रहे हैं.
गांधी परिवार पर हमला करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि कबीर शासक के रूप में भगवान राम की बातें करते थे, लेकिन आज के समय में कई परिवार खुद को जनता का भाग्य-विधाता समझते हैं.
प्रधानमंत्री ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ दलों को शांति और विकास नहीं, कलह और अशांति चाहिए. उनको लगता है जितना असंतोष और अशांति का वातावरण बनाएंगे उतना राजनीतिक लाभ होगा. सच्चाई ये है ऐसे लोग जमीन से कट चुके हैं इन्हें अंदाजा नहीं कि संत कबीर, महात्मा गांधी, बाबा साहेब को मानने वाले हमारे देश का स्वभाव क्या है.
जन सभा को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केन्द्रीय पयर्टन मंत्री महेश शर्मा, यूपी के संस्कृति मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने भी संबोधित किया.