गोरखपुर, 3 जुलाई. विवादों के बीच दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय की कार्य परिषद ने कल 12 विभागों में दो प्रोफेसर, 6 एसोसियेट प्रोफेसर और 76 असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति पर मुहर लगा दी.
इसके पहले 29 अप्रैल को 10 विभागों में 54 शिक्षकों की नियुक्ति की गई थी
विश्वविद्यालय कार्यपरिषद की 2 जुलाई को ही बैठक में भौतिक विज्ञान, गृह विज्ञान, इलेक्ट्रॉनिक्स, शिक्षा शास्त्र, वाणिज्य, उर्दू, समाज शास्त्र, संस्कृत, राजनीति विज्ञान, रसायन विज्ञान, ललित कला एवं संगीत विभाग तथा भूगोल विभाग में प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर और असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर नियुक्त किया पर मोहर लगाई. इन 12 विभागों में सबसे अधिक रसायन विभाग में 18 असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति की गई है. इसके अलावा भौतिक विज्ञान विभाग में 16 असिस्टेंट प्रोफेसर और एक प्रोफेसर की नियुक्ति की गई है.
आरक्षण के हिसाब से देखें तो प्रोफ़ेसर के दोनों पद सामान्य वर्ग में गए हैं जबकि एसोसिएट प्रोफेसर के 6 पदों में पांच सामान्य वर्ग व 1 एससी वर्ग में आया है. असिस्टेंट प्रोफेसर के 76 पदों में 44 पदों पर सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों की नियुक्ति हुई है जबकि 18 पर ओबीसी और 14 पर एससी अभ्यर्थियों की नियुक्ति हुई है. विश्वविद्यालय शिक्षकों की चयन प्रक्रिया फरवरी माह से ही चल रही है और अब तक 2 चरणों में 138 शिक्षकों की नियुक्ति हो चुकी है.
विभाग | प्रोफेसर | एसोसिएट प्रोफेसर | असिस्टेंट प्रोफेसर |
भूगोल
|
1
GEN-1 OBC- SC- |
5
GEN-2 OBC-1 SC-2 |
|
ललित कला एवं संगीत
|
5
GEN -4 OBC-1 |
||
रसायन विज्ञान
|
4
GEN-3 OBC-0- SC-1 |
18
GEN-10 OBC-4 SC-4 |
|
राजनीति विज्ञान
|
2
GEN-2 OBC-0 SC-0 |
||
संस्कृत
|
8
GEN-5 OBC-2 SC-1 |
||
समाजशास्त्र
|
4
GEN-3 OBC-1 SC-0 |
||
उर्दू
|
2
GEN-1 OBC-1 SC-0 |
||
वाणिज्य
|
2
GEN-2 OBC-0 SC-0 |
6
GEN-0 OBC-3 SC-3 |
|
शिक्षाशास्त्र
|
7
GEN-4 OBC-2 SC-1 |
||
इलेक्ट्रॉनिक्स
|
1
GEN-1 OBC-0 SC-0 |
||
गृह विज्ञान
|
2
GEN-2 OBC-0 SC-0 |
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भौतिक विज्ञान
|
1
GEN-1 OBC-0 SC-0 |
16
GEN-10 OBC-3 SC-3 |
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कुल | 2
GEN-2 OBC-0 SC-0 |
6
GEN-5 OBC-0 SC-1 |
76
GEN-44 OBC-18 SC-14 |
अभी हिंदी विभाग सहित कुछ अन्य विभागों में नियुक्ति प्रक्रिया चल रही है. विश्वविद्यालय में शिक्षकों की नियुक्ति में पारदर्शिता के अभाव,आरक्षण के नियमों के उल्लंघन, यूजीसी के गाइडलाइन की मनमानी व्याख्या, भाई-भतीजावाद और उच्च स्तरीय दबाव में नियुक्ति संबंधी कई आरोप लगाए गए हैं. यह भी आरोप लगाया गया है कि 5-5 मिनट के इंटरव्यू में अभ्यर्थियों की योग्यता की परख कर ली गई. एक दिन में 100 अभ्यर्थियों को इंटरव्यू के लिए बुलाया गया.
इस संबंध में गोरखपुर विश्वविद्यालय के प्रोफ़ेसर कमलेश गुप्ता ने आरोप लगाया था कि शिक्षकों की नियुक्ति में पारदर्शिता का घोर अभाव है. उन्होंने सभी विषयों के सभी अभ्यर्थियों के प्राप्तांक विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर अपलोड करने की मांग रखी थी कल कार्य परिषद की बैठक में कार्य परिषद के सदस्य पुरुष अजय कुमार गुप्ता ने भी इस मुद्दे को उठाया लेकिन उनकी मांग को खारिज कर दिया गया.