गोरखपुर. इंसेफेलाइटिस पर काबू पाने के लिए दस्तक-1 के बाद दस्तक-2 अभियान शुरू हो गया है लेकिन इस बीमारी से मौतें कम नहीं हो रही हैं. इस वर्ष के साढ़े छह महीने में इंसेफेलाइटिस से बीआरडी मेडिकल कालेज में 79 मरीजों की मौत हो चुकी है जिसमें 61 बच्चे थे। यही नहीं अब तक इंसेफेलाइटिस से मृत्यु दर भी काफी अधिक यानि 32.24 फीसदी पहुंच चुकी है.
बीआरडी मेडिकल कालेज में जनवरी से 15 जुलाई तक इंसेफेलाइटिस के 245 मरीज भर्ती हुए. इनमें 50 वयस्क मरीज थे। इनमें से 79 की मौत हो गई जिसमें 61 बच्चे थे. इस दौरान छह मरीजों को रेफर किया गया जबकि 123 डिस्चार्ज होकर घर लौटे.
बीआरडी मेडिकल कालेज में इंसेफेलाइटिस (जेई/एईएस)से मौतें
Month | 2016 | 2017 | 2018 | |||
case | death | case | death | case | death | |
Jan | 26 | 10 | 31 | o9 | 21 | 06 |
Feb | 47 | 09 | 35 | 06 | 32 | 09 |
March | 35 | 14 | 38 | 18 | 31 | 18 |
April | 25 | 11 | 33 | 10 | 45 | 07 |
May | 38 | 16 | 43 | 12 | 38 | 18 |
June | 46 | 13 | 49 | 14 | 48 | 15 |
July | 155 | 23 | 149 | 33 | 30 | 06 |
Total | 372 | 96 | 378 | 102 | 245 | 79 * |
% | 25.80 | 26.98 | 32.24 |
* आंकड़े 15 जुलाई 2018 तक के हैं
वर्ष 2016 में जुलाई माह के अंत तक 372 मरीज भर्ती हुए जिनमें से 96 की मौत हो गई. वर्ष 2017 में इस अवधि में 378 मरीज भर्ती हुए जिसमें से 102 की मौत हो गई. वर्ष 2016 में जुलाई माह तक इंसेफेलाइटिस से मृत्यू दर 25.80 थी जबकि 2017 में इस अवधि में 26.98 तक थी। इस वर्ष 15 जुलाई तक मृत्यू दर काफी अधिक यानि 32.24 फीसदी है.
यहां उल्लेखनीय है कि बीआरडी मेडिकल कालेज में पूर्वी उत्तर प्रदेश के 10 जिलों-गोरखपुर, महराजगंज, देवरिया, कुशीनगर, बस्ती, सिद्धार्थनगर, संतकबीरनगर, आजमगढ़, बलिया, देवीपाटन आदि जिलों के अलावा पश्चिमी बिहार से गोपालगंज, सीवान, पश्चिमी चम्पारण, पूर्वी चम्पारण आदि जिलों के बच्चे इलाज के लिए आते हैं.