गोरखपुर , 2 जुलाई. डॉक्टर कफील अहमद खान के छोटे भाई काशिफ जमील के ऊपर जानलेवा हमले के मामले में कोतवाली पुलिस पर अब घटना का फर्जी खुलासा करने के लिए एक युवक को 24 घंटे हिरासत में रख कर बुरी तरह पीटने का आरोप लगा है.
कोतवाली पुलिस ने 30 जून को हांसूपुर निवासी आशीष राज श्रीवास्तव को हिरासत में लिया था. आशीष , डॉ कफील के बड़े भाई अदील अहमद खान का कर्मचारी रह चुका है. आशीष को हिरासत में लिए जाने पर अदील ने आपत्ति जताई थी और आरोप लगाया था कि असली हमलावरों को पकड़ने के बजाय पुलिस उनके ही लोगों को प्रताड़ित कर रही है.
आशीष को कोतवाली पुलिस ने 24 घंटे बाद एक जुलाई को छोड़ा. आशीष ने पुलिस हिरासत से छूटने के बाद आरोप लगाया कि पुलिस ने उसे हिरासत में बुरी तरह मारा-पीटा और और यह कबूल करने पर दबाव डाला कि उसी ने काशिफ़ के ऊपर जानलेवा हमला किया था. आशीष ने कहा कि कोतवाली में उसके पैरों, हाथों और सिर पर डंडे से मारा गया और कहा गया कि वह आशिफ जमील पर जानलेवा हमले में संलिप्त होना स्वीकार कर ले. जब उसने ऐसा करने से इंकार कर दिया तो उसे और भी बुरी तरह पीटा गया. रिहा करने के पूर्व पुलिस ने उसे चेतावनी दी कि यदि उसने अपनी पिटाई के बारे में मुंह खोला तो गंभीर परिणाम होंगे और उसे फिर पकड़ लिया जाएगा.
आशीष को हिरासत में लिए जाने के बाद ही डॉक्टर कफील के बड़े भाई अदील अहमद ने आरोप लगाया था कि पुलिस काशिफ जमील के ऊपर हमला करने वाले अभियुक्तों को गिरफ्तार करने के बजाय उनके ही लोगों को बार-बार हिरासत में लेकर प्रताड़ित कर रही है. उन्होंने कई संदिग्ध लोगों के नाम पुलिस को बताए हैं लेकिन पुलिस उनसे कोई पूछताछ नहीं कर रही है और इस मामले का खुलासा करने की जल्दी बाजी में है ताकि असल अपराधी बच जाएँ.
अदील अहमद ने 29 जून को मुख्यमंत्री से मुलाकात कर उनसे इस घटना की सीबीआई से जांच करने की मांग की थी. उन्होंने शिकायत की थी कि पुलिस 19 दिन बीत जाने के बाद भी हमलावरों को गिरफ्तार करने में असफल रही है और उसका उसकी इस घटना का पर्दाफाश में कोई रुचि नहीं है. उन्होंने अपने और परिवार की सुरक्षा की मांग की थी. उन्होंने मुख्यमंत्री को दिए गए ज्ञापन में एसपी सिटी विनय कुमार सिंह और सीओ क्राइम प्रवीण कुमार सिंह पर कई गंभीर आरोप लगाए थे.