कैंडल जलाकर और बाल मुंडवाकर दिवंगत शिक्षा मित्रों को श्रद्धांजलि दी, डीएम और बीएसए को ज्ञापन दिया
गोरखपुर. प्रदेश नेतृत्व के आह्वान पर उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ ने 25 जुलाई को नार्मल कंपाउंड में संघ के जिला अध्यक्ष अजय सिंह के नेतृत्व में आज के दिन को शहीद दिवस के रुप में मनाया. इस दिन की याद में शिक्षा मित्रों ने 25 जुलाई की शाम को कैंडल जलाकर दिवंगत शिक्षा मित्रों को श्रद्धांजलि दी और मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी व जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को दिया. कुछ शिक्षामित्रों ने बाल भी मुंड़वा लिए.
इस मौके पर शिक्षा मित्रों ने कहा कि 25 जुलाई 2017 को ही उच्चतम न्यायालय से शिक्षामित्रों का समायोजन रद हुआ था. इसके बाद से प्रदेश में लगभग 700 शिक्षामित्रों की मृत्यु अवसाद के कारण हो चुकी है.
अपनी मांगों को लेकर 1 जून से 13 जून तक लखनऊ इको गार्डन पार्क में शिक्षामित्रों का धरना चला. 13 जून को मुख्यमंत्री व संगठन के पदाधिकारियों के बीच वार्ता हुई . आश्वासन मिला लेकिन अब तक कुछ नहीं हुआ. इसी बीच शिक्षामित्रों को उनके मूल विद्यालय जाने का शासनादेश जारी हुआ जिससे शिक्षामित्रों में एक नया संशय पैदा हो गया है. बड़ी मजबूरी में शिक्षा मित्र मूल विद्यालय लौटने पर राजी हो गए हैं लेकिन उनको डर है कि भविष्य में उन्हें निकाल ना दिया जाए.
प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों में 1,70,000 शिक्षामित्र 18 वर्षों से शिक्षण कार्य का रहे हैं. वर्ष 2011 में प्रशिक्षित स्नातक शिक्षा मित्रों को भारत सरकार एनसीटीई से अनुमोदन प्राप्त कर दो वर्षीय दूरस्थ बीटीसी का प्रशिक्षण दिलाया गया. 2014 में तत्कालीन सरकार ने 31 जुलाई 2014 को 56,000 शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक के पद पर नियमानुसार समायोजन किया. दुसरे चरण में लगभग 71,000 शिक्षामित्रों का समायोजन मई 2015 में सहायक अध्यापक के पद पर किया गया.
प्रदेश में कुल 1,37,000 शिक्षामित्र सहायक अध्यापक के पद पर समायोजित हुए जो 25 जुलाई 2017 को उच्चतम न्यायालय द्वारा शिक्षामित्रों का समायोजन रद्द कर दिया गया.
शिक्षा मित्रों की मांग है कि 1- 9 अगस्त 2017 को पारित अधिनियम में वर्णित अधिकारों से शिक्षामित्रों को स्थापित करते हुए न्यूनतम अहर्ता प्राप्त करने हेतु 4 वर्षों की छूट दिया जाए जैसा कि उक्त अधिनियम को क्रियान्वित करके उत्तराखंड की सरकार ने शिक्षामित्रों को अपने पद पर रहते हुए अपनी योग्यता पूरी करने का समय दिया है . प्रदेश में कार्यरत समस्त शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक के पद पर पुनः बहाली होने तक ” समान कार्य समान वेतन ” का लाभ दिया जाए. मृतक शिक्षामित्रों के परिजनों को आर्थिक सहायता के साथ परिवार के एक सदस्य को नौकरी प्रदान किया जाए .
शिक्षा मित्रों का कहना है उच्च न्यायालय इलाहाबाद द्वारा रिट संख्या- 7300/ 2018 में पारित आदेश के आधार पर रुपया 38878/- 12 माह 62 वर्ष तक करके सभी शिक्षामित्रों को स्थायित्व प्रदान किया जाना चाहिए.
शिक्षा मित्रों ने कहा कि अभी हाल में मध्य प्रदेश की सरकार ने 29 मार्च 2018 को 2.35 लाख संविदा शिक्षकों का समायोजन/ संविलियन करने का निर्णय लिया है और 1.85 लाख संविदा कर्मचारियों को 62 वर्ष तक की सेवा के साथ अन्य विभाग की तरह सभी लाभ देने का निर्णय हुआ है. उत्तर प्रदेश में भी शिक्षा मित्रों का समायोजन /संविलियन मध्य प्रदेश या उत्तराखंड के आधार पर किया जाए.
इस मौके पर प्रदेश संगठन मंत्री रामनगीना निषाद , जिला महामंत्री मनोज यादव , अविनाश कुमार , राम आशीष यादव , सुशील कुमार सिंह , अफजाल समानी, अफरूद्दीन, दिनेश गुप्ता ,विनोद यादव , सुनील कुमार शर्मा ,रविंद्र चौधरी ,संतोष कुमार सिंह, दरबारी लाल मौर्या ,राकेश कुमार साहनी ,लालधर निषाद , लक्ष्मी नारायण वर्मा, श्रवण कुमार , दिलीप कुमार ,लक्ष्मी शंकर, रामप्रवेश, इंद्रेश भारती , संजय , वैरागी , अशोक , सतीश कुमार, रामनिवास , अशोक चंद्रा , सतीश आदि दर्जनों शिक्षा मित्र उपस्थित रहे.