गोरखपुर. प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता स्वामी अग्निवेश पर झारखंड के पाकुड़ जिले में भारतीय जनता युवा मोर्चा और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं द्वारा किये गए हमले के विरोध में 20 जुलाई को नगर निगम परिसर स्थित रानी लक्ष्मी बाई पार्क में राजनीतिक, सामाजिक व मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने धरना दिया.
धरना का आयोजन पीपुल्स फोरम और पीयूसीएल ने किया था। धरने को पीयूसीएल के संयोजक फतेह बहादुर सिंह, समाजवादी जन परिषद के शेषमणि त्रिपाठी, अश्वनी पांडेय, जन संस्कृति मंच के राष्ट्रीय सचिव मनोज कुमार सिंह, वरिष्ठ कथाकार मदन मोहन, फारूख अहमद, भाकपा माले के जिला सचिव राजेश साहनी, इंकलाबी नौजवान सभा के सुजीत श्रीवास्तव, विकास द्विवेदी, ऐपवा की जिला सचिव मनोरमा, बैजनाथ मिश्र आदि ने संबोधित किया.
अपने संबोधन में वक्ताओं ने कहा कि मोदी सरकार में दलितों, अल्पसंख्यकों, आदिवासियों, महिलाओं पर अत्याचार बढ़ा ही है, पत्रकारों, सामाजिक-मानवाधिकार कार्यकर्ताओं, लेखकों पर भी आये दिन हमले हो रहे हैं. अपने से असहमत लोगों की आवाज दबाने के लिए भाजपा-आरएसएस हिंसा का सहारा ले रही है और उनकी हरकतों को मोदी सरकार का खुला सरंक्षण प्राप्त है. मॉब लिंचिंग के अपराधियों को नौकरी दी जा रही है और मन्त्री माला पहनाकर स्वागत कर रहे हैं. वक्ताओं ने कहा कि मॉब लिंचिंग, निर्देशित हत्याएं और हमले हैं। स्वामी अग्निवेश पर हमला पिछले चार वर्षों में 200 से अधिक की घटनाओं की एक कड़ी है. वक्ताओं ने स्वामी अग्निवेश पर हमला करने वालों के खिलाफ कड़ी करवाई करने और इस घटना के लिए प्रधानमंत्री द्वारा माफ़ी मांगने को कहा.