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रेल यात्रा के दौरान डॉक्टर बुलाने के शुल्क में पांच गुना बढ़ोतरी, अब देने होंगे 100 रुपये

पहले देना होता था मात्र बीस रुपया, भ्रम था कि रेलवे मुफ्त कराती है इलाज

नईदिल्ली,18 जुलाई। आगे से आपको रेल यात्रा के दौरान यदि डॉक्टर की जरूरत पड़े तो जेब थोड़ी ज्यादा ढीली करनी पड़ सकती है. दरअसल रेलवे ने चिकित्सा सुविधा के बदले वसूली जाने वाली दरों में बदलाव कर दिया है. अब 20 रुपये की जगह आपको 100 रुपये देने पड़ेंगे. इस संबंध में बीते दिनों आदेश जारी कर दिए गए हैं. अभी तक केवल 20 रुपये मरीज से लिये जाते रहे हैं वह भी राशि कम होने के कारण अधिकांश डॉक्टर लेते नहीं थे.

रेलवे बोर्ड के ट्रांसफॉर्मेशन एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर राजेश गुप्ता ने सभी जोन के महाप्रबन्धकों को इससे सम्बंधित आदेश जारी कर दिए.ट्रेन में डॉक्टर परामर्श शुल्क पांच गुना बढ़ा दिया है. यानी ट्रेन में तबीयत खराब हुई और रेलवे डॉक्टरों को बुलाया तो 100 रुपए शुल्क देना होगा. अभी तक यह शुल्क 20 रुपए था. अभी तक रेलवे डॉक्टर द्वारा मरीज को देखने के बाद भी इस मामूली शुल्क की मांग नहीं करता था इसलिए यात्रियों को लगता था कि रेलवे मुफ्त में उन्हें डॉक्टर उपलब्ध कराता है.

रेलवे बोर्ड ने सालों पहले डॉक्टर परामर्श शुल्क 20 रुपए तय किया था। यह दर अभी तक लागू थी.ट्रेनों में सफर के दौरान अकसर यात्रियों की तबीयत खराब होती है। कई मामलों में तय समय पर इलाज नहीं मिलने से यात्रियों की मौत तक हो चुकी है. इसके बाद से रेलवे में स्थाई रूप से मेडिकल सुविधा की मांग उठती रही है, लेकिन रेलवे ने इस तरफ ध्यान देने और मेडिकल सुविधा बढ़ाने के बजाय परामर्श शुल्क में पांच गुना तक बढ़ोतरी कर दी.

वर्तमान में हालात यह है कि सूचना मिलने के बाद भी अधिकांश स्टेशनों पर डॉक्टर मरीज को देखने आते तक नहीं है. कई बार डॉक्टर की जगह पैरा मेडिकल स्टाफ को मरीज देखने के लिए भेज दिया जाता है या फिर हाउस डॉक्टर को भेजा जाता है. इलाज के नाम पर हो रही खाना पूर्ति को दुरुस्त करने के बजाए शुल्क बढा देने के पीछे रेलवे की कौन सी रणनीति है यह समझ से परे है.

रेल वार्ता डाट काम से साभार

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