स्वास्थ्य

बीआरडी मेडिकल कालेज में आठ महीनों में 1637 बच्चों की मौत

गोरखपुर. बीआरडी मेडिकल कालेज में इस वर्ष 27 अगस्त तक 1637 बच्चों की मौत हो गई है. इन आंकड़ों में इंसेफेलाइटिस से हुई मौतें भी शामिल हैं. इस अवधि में सबसे अधिक एनआईसीयू (नियोनेटल इंटेसिव केयर यूनिट) में 1006 बच्चों की मौत हुई. ये बच्चे संक्रमण, सांस सम्बन्धी दिक्कतों, कम वजन आदि बीमारियों से पीड़ित थे.

बीआरडी मेडिकल कालेज के बाल रोग विभाग में नवजात शिशुओं को एनआईसीयू (नियोनेटल इंटेसिव केयर यूनिट) और बड़े बच्चों को पीआईसीयू (पीडियाट्रिक इंटेसिव केयर यूनिट) में भर्ती किया जाता है. पीआईसीयू में इंसेफेलाइटिस से ग्रस्त बच्चों को भी इलाज के लिए भर्ती किया जाता है.

वर्ष 2018 (आंकड़े 27 अगस्त तक के हैं )

Month NICU PICU Total
January 89 40 129
February 85 55 140
March 155 80 235
April 118 82 200
May 120 54 174
june 114 63 177
july 130 79 209
August 195 178 373
Total 1006 631 1637

मेडिकल कालेज में इस वर्ष 27 अगस्त तक एनआईसीयू में 1006 बच्चों की मौत हो गई जबकि पीआईसीयू में 631 बच्चों की मृत्यु हुई है. पीआईसीयू में इस अवधि में मृत बच्चों में 120 इंसेफेलाइटिस रोगी थे.

वर्ष 2017 में  एक जनवरी से 31 अगस्त तक  1812 बच्चों की मौत हुई थी. इसमें 1101 एनआईसीयू में और 711 पीआईसीयू में भर्ती थे।

वर्ष 2017 (आंकड़े 31 अगस्त तक के हैं )

Month NICU PICU Total
January 143 67 210
February 117 63 180
March 141 86 227
April 114 72 186
May 127 63 190
june 125 83 208
july 98 95 193
August 236 182 418
Total 1101 711 1812

 

यह जानकारी गोरखपुर न्यूज लाइन को मेडिकल कालेज से विश्वसनीय सूत्रों से मिली है. बीआरडी प्रशासन अगस्त महीने में आक्सीजन कांड के बाद से बच्चों की मौत के बारे में अधिकृत जानकारी नहीं दे रहा है. इस कारण मीडिया को सूत्रों पर निर्भर रहना पड़ रहा है.

यहां उल्लेखनीय है कि बीआरडी मेडिकल कालेज में पूर्वी उत्तर प्रदेश के 10 जिलों-गोरखपुर, महराजगंज, देवरिया, कुशीनगर, बस्ती, सिद्धार्थनगर, संतकबीरनगर, आजमगढ़, बलिया, देवीपाटन आदि जिलों के अलावा पश्चिमी बिहार से गोपालगंज, सीवान, पश्चिमी चम्पारण, पूर्वी चम्पारण आदि जिलों के बच्चे भी इलाज के लिए आते हैं.

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