गोरखपुर/ देवरिया. देवरिया बालिका गृह कांड में नए खुलासे ने संस्था द्वारा संचालित शेल्टर होम पर लग रहे आरोपों को बल प्रदान किया है. अभी तक 3 ऐसे लड़कियों का मामला सामने आया है जिसे बालिका गृह द्वारा उन्हें उनके परिवार में पुनर्वासित किया जाना बताया जा रहा है लेकिन इसके बारे में दस्तावेज या तो नहीं हैं या अधूरे हैं. बस्ती की एक लड़की के परिजनों ने लिखित शिकायत की है कि उनकी बेटी बालिका गृह से गायब है जबकि बालिका गृह के रिकार्ड बता रहे हैं कि उसे घर वालों को सौंप दिया गया.
छापे में बालिका गृह की रिकार्ड में 43 लड़कियों की सूची मिली जो 4 जुलाई 2018 तक अपडेट थी. इसके बाद से पुलिस ने यहाँ पांच और लड़कियों को दाखिल कराया था लेकिन इनका नाम सूची में दर्ज नहीं था. मौके पर 21 लड़कियां और 2 लड़के मिले. इस तरह 25 लड़कियां गायब मिलीं. तीन दिन बाद तत्कालीन पुलिस कप्तान ने 8 अगस्त की पत्रकार वार्ता में कहा कि सूची के अनुसार बालिका गृह से जो 25 लड़कियां कम मिलीं उनमें से 13 को कोर्ट के आदेश से उनके घर पहुंचा दिया गया था. उन्होंने यह भी कहा कि शेष 12 में से 5 के नाम पते की तस्दीक हो गई है. बाद में गिरिजा त्रिपाठी के गोरखपुर स्थित शेल्टर होम और देवरिया के स्वाधार गृह से 3 और लड़कियां मिलीं.
कुछ दिन बाद पुलिस ने दावा किया कि सभी लड़कियों के नाम पते की तस्दीक हो गई है.लेकिन बालिका गृह पर पुलिस के छापे के तीन हफ्ते के अन्दर 3 ऐसी लड़कियों का पता चला है जिनके बारे में गिरिजा त्रिपाठी की संस्था का कहना है कि उन्हें उनके परिवार में पुनर्वासित कर दिया गया है लेकिन घर वालों का कहना है कि लड़कियों को उन्हें सौंपा ही नहीं गया.
इसमें एक लड़की को महराजगंज जिले की बाल कल्याण समिति ने भेजा था। इस लड़की के बारे में संस्था ने बताया कि उसे उसके परिवार में पुनर्वासित कर दिया गया है लेकिन इस बारे में कोई रिकार्ड संस्था नहीं दे पायी है. महराजगंज जिले की बाल कल्याण समिति ने 18 जनवरी 2018 को गिरिजा त्रिपाठी के बालिका गृह का निरीक्षण करने के बाद यह रिपोर्ट सरकार को भी दी थी कि 2017 में यहां भेजी गई लड़की को उसके माता-पिता को सौंपने का कोई प्रपत्र या सक्षम अधिकारी का आदेश उपलब्ध नहीं कराया गया है.
गोरखपुर की बाल कल्याण समिति द्वारा भेजी गई एक लड़की को बालिग बता कर गिरिजा त्रिपाठी ने शादी भी करा दी और इसके बारे में कोई जानकारी अधिकृत संस्थाओं को नहीं दी.
बस्ती के एक दम्पति ने देवरिया के डीएम से शिकायत की है कि उसकी बेटी गिरिजा त्रिपाठी के शेल्टर होम से गायब है. डीएम ने एसडीएम सदर को इसकी जाँच सौंपी है. यह लड़की 28 मार्च 2016 को बालिका गृह में लायी गई थी. जाँच के दौरान रिकार्ड देखने पर पता चला है कि लड़की को कथित तौर पर 6 मई 2016 को उनके घर वालों को सौंप दिया गया था. अब जब घर वाले यह कह रहे हैं कि लड़की को उन्हें सौंपा ही नहीं गया तो सवाल उठ रहा है कि आखिर लड़की कहाँ गई. इन तीन लड़कियों के मामले ने बालिका गढ़ के संचालन शुरू होने से लेकर अब तक यहाँ लाई गई सभी लड़कियों और उनके पुनर्वासन की तहकीकात की जरूरत बता रहे हैं.