गोरखपुर. आक्सीजन हादसे में जेल में बंद बीआरडी मेडिकल कालेज के पूर्व प्रधानाचार्य डा. राजीव मिश्र की पत्नी डॉ पूर्णिमा शुक्ल 31 जुलाई को जमानत पर गोरखपुर जेल से रिहा हो गईं. रात आठ बजे रिहा होने पर जेल के बाहर उनके पति डॉ राजीव मिश्र, बेटे डॉ पुरक मिश्र सहित दर्जनों लोगों ने उनका स्वागत किया.
डॉ पूर्णिमा शुक्ल को 28 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली थी. उनके पति डॉ राजीव मिश्र सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने पर 9 जुलाई को जेल से छूटे थे. उन्हें 3 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली थी.
डॉ मिश्र 29 अगस्त 2017 को अपनी पत्नी डॉ पूर्णिमा शुक्ल के साथ कानपुर से गिरफ्तार किये गए थे.
जेल से रिहा होने के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए डॉ पूर्णिमा शुक्ल ने कहा कि उन्हें देश की न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है. सच एक दिन जरूर सबके सामने आएगा. सच की जीत होगी.
डॉ पूर्णिमा शुक्ल के बेटे डॉ पूरक ने ट्वीटर पर पूरे परिवार की फोटो पोस्ट करते हुए लिखा कि लगभग एक साल बाद, मेरा परिवार पूरा हो गया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद आज मेरी मां डॉ पूर्णिमा शुक्ला को रिहा कर दिया गया। मुझे यकीन है कि सच्चाई जल्द ही सामने आएगी और न्याय होगा. संकट की इस घडी में हमको सहयोग, समर्थन देने वाले और हमारे लिए प्रार्थना करने वालों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित करते हैं.
आक्सीजन हादसे में पुलिस ने डॉ मिश्र के विरूद्ध 409, 308,120 बी आईपीसी, 7/13 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत और उनकी पत्नी डा. पूर्णिमा शुक्ल के विरूद्ध 120 बी आईपीसी, 7/13 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत आरोप पत्र दाखिल किया है.