गोरखपुर. उत्तर प्रदेश में इंसेफेलाइटिस ( एईएस/ जेई) के रोकथाम के दावे इस वर्ष भी विफल साबित हो रहे हैं. पूरे देश में अब भी इंसेफेलाइटिस के सबसे अधिक केस यूपी से रिपोर्ट हो रहे हैं. इस वर्ष जुलाई माह तक पूरे देश में एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) के 4233 केस और 252 मौत रिपोर्ट हुई है जिसमें 30.68 फीसदी यानि 1299 केस और 46.82 फीसदी यानि 118 मौतें यूपी से हैं.
जापानी इंसेफेलाइटिस (जेई) के केस भी 2014 के बाद पूरे देश के साथ-साथ यूपी में बढ़ते जा रहे हैं.
यूं तो पूरे देश में इंसेफेलाइटिस ( एईएस/ जेई) से प्रभावित जिलों की संख्या 22 है लेकिन सबसे अधिक प्रभावित राज्यों की संख्या 12 है जिसमें उत्तर प्रदेश अभी भी सबसे उपर है. इसके बाद सर्वाधिक प्रभावित राज्यों में असोम, ओडीसा, तमिलनाडू, झारखंड, पश्चिम बंगाल, बिहार आदि राज्य हैं. जापानी इंसेफेलाइटिस में जरूर असोम, यूपी को पीछे छोड़कर नम्बर एक हो गया है.
नेशनल वेक्टर बार्न डिजीज कंट्रोल प्रोग्राम (एनवीडीसीपी) के आंकड़ों का विश्लेषण करें तो पता चलता है कि एईएस और जेई के केस पिछले पांच वर्षों में बढ़ते ही जा रहे हैं.
जापानी इंसेफेलाइटिस के रोकथाम के लिए टीके उपलब्ध हैं और वर्ष 2006 से इंसेफेलाइटिस प्रभावित इलाकों में विशेष अभियान के तहत बच्चों व वयस्कों को टीके लगाए गए हैं. अब तो इसे नियमित टीकाकारण में भी शामिल कर लिया गया है. इसके बावजूद जेई के केस और मौतों में वृद्धि चिंता का विषय है.
2014 | 2015 | 2016 | 2017 | 2018 | |||||||
case | death | case | death | case | death | case | death | case | death | ||
Assam | 2194 | 360 | 1409 | 260 | 1713 | 187 | 2077 | 178 | 718 | 79 | |
Bihar | 1358 | 355 | 285 | 90 | 324 | 102 | 189 | 54 | 30 | 12 | |
Jharkhand | 288 | 2 | 217 | 8 | 296 | 5 | 272 | 1 | 197 | 0 | |
Karnataka | 75 | 0 | 335 | 1 | 406 | 0 | 332 | 2 | 164 | 0 | |
Manipur | 16 | 0 | 34 | 0 | 475 | 1 | 1125 | 10 | 142 | 4 | |
Meghalaya | 212 | 3 | 174 | 8 | 164 | 4 | 160 | 4 | 15 | 0 | |
Odisha | 0 | 0 | 660 | 2 | 1096 | 115 | 1228 | 15 | 569 | 1 | |
Tamilnadu | 346 | 4 | 847 | 0 | 859 | 3 | 1358 | 2 | 610 | 5 | |
Telengna | 155 | 5 | 157 | 1 | 72 | 0 | 136 | 0 | 8 | 0 | |
Tripura | 323 | 0 | 459 | 4 | 380 | 1 | 323 | 0 | 169 | 0 | |
Uttar Pradesh | 3329 | 627 | 2894 | 479 | 3919 | 621 | 4724 | 654 | 1299 | 118 | |
West Bengal | 2385 | 348 | 2165 | 351 | 1839 | 256 | 1514 | 169 | 287 | 28 | |
Total | 10867 | 1719 | 9854 | 1210 | 11651 | 1301 | 13672 | 1097 | 4233 | 252 |
एईएस और जेई के बढ़ते आंकड़े स्पष्ट रूप से इशारा कर रहे हैं कि इंसेफेलाइटिस की रोकथाम के लिए किए जा रहे उपाय या तो प्रभावी नहीं हैं या उनका क्रियान्वयन प्रभावी नहीं हैं.
आंकड़ों के मुताबिक पूरे देश में एईएस के सबसे अधिक केस यूपी से रिपोर्ट हो रहे हैं. वर्ष 2014 में पूरे देश के 31.14 फीसदी केस यूपी से रिपोर्ट हुए. वर्ष 2015 में यह 29.36, 2016 में 33.63 और 2017 में 34.53 फीसदी था. इस वर्ष 31 जुलाई तक पूरे देश के एईएस केस में यूपी की भागीदारी 30.68 फीसदी तक है. केस के मुकाबले यूपी में एईएस मौतों का ग्राफ काफी अधिक है. यूपी में एईएस से मौतें पूरे देश का 36 से 59 फीसदी तक बनी हुई हैं.
आंकड़ों के अनुसार इस वर्ष 31 जुलाई तक यूपी में जापानी इंसेफेलाइटिस के 75 केस रिपोर्ट हुए जिसमें 6 की मौत हो गई. इस दौरान पूरे देश में जेई के 523 केस और 76 मौतें रिपोर्ट हुई हैं. वर्ष 2014 में जेई के केस यूपी में काफी कम हो गए थे और यह पूरे देश के सभी मामलों में सिर्फ 11.49 फीसदी था लेकिन इसके बाद के वर्षों में यह बढ़ता गया. वर्ष 2015 में 20.28 , 2016 में 24.46 और 2017 में यह 31.77 फीसदी तक पहुंच गया. इस वर्ष अभी यह कुल केस का 14.34 फीसदी है लेकिन यहां उल्लेखनीय है कि यूपी में जुलाई, अगस्त, सितम्बर और अक्टूबर महीने में इंसेफेलाइटिस के सबसे अधिक केस आते हैं.
जापानी इंसेफेलाइटिस के केस और मौतें
2014 | 2015 | 2016 | 2017 | 2018 | |||||||
Case | Death | Case | Death | Case | Death | Case | Death | Case | Death | ||
Assam | 761 | 165 | 614 | 135 | 427 | 92 | 604 | 87 | 223 | 52 | |
Bihar | 20 | 2 | 66 | 12 | 100 | 25 | 74 | 11 | 12 | 2 | |
Jharkhand | 90 | 2 | 116 | 8 | 47 | 5 | 29 | 1 | 8 | 0 | |
Karnataka | 13 | 0 | 27 | 1 | 11 | 0 | 26 | 2 | 13 | 0 | |
Manipur | 1 | 0 | 6 | 0 | 47 | 1 | 186 | 10 | 33 | 4 | |
Meghalaya | 72 | 3 | 41 | 8 | 47 | 4 | 48 | 4 | 1 | 0 | |
Odisha | 0 | 0 | 33 | 2 | 242 | 42 | 79 | 0 | 42 | 0 | |
Tamilnadu | 36 | 3 | 53 | 0 | 51 | 0 | 127 | 2 | 57 | 0 | |
Telngana | 0 | 0 | 8 | 1 | 4 | 0 | 11 | 0 | 3 | 0 | |
Tripura | 14 | 0 | 28 | 4 | 98 | 1 | 90 | 0 | 35 | 0 | |
Uttar Pradesh | 191 | 34 | 351 | 42 | 410 | 73 | 693 | 93 | 75 | 6 | |
West Bengal | 415 | 78 | 342 | 75 | 174 | 39 | 165 | 40 | 17 | 2 | |
Total | 1661 | 293 | 1730 | 291 | 1676 | 283 | 2181 | 254 | 523 | 76 |
वर्ष 2017 में 10 अगस्त को आक्सीजन कांड के बाद यूपी सरकार ने इंसेफेलाइटिस की रोकथाम के लिए कई उपाय किए. दस्तक नाम से दो चरण में अभियान चलाया गया जिसका मकसद इंसेफेलाइटिस प्रभावित हर जिले के हर परिवार को इस बीमारी के प्रति जागरूक करना था. इसके अलावा बच्चों को जापानी इंसंफेलाइटिस का टीका भी लगाया गया. इस अभियान के अलावा इंसेफेलाइटिस के इलाज की सुविधाएं बढ़ाई गईं हैं जिसमें प्रमुख रूप से जिला अस्पतालों में पीआईसीयू के बेड बढाए गए हैं और हर जिले में दो से तीन सीएचएसी पर मिनी पीआईसीयू बनाए गए हैं.
इंसेफेलाइटिस रोगियों के इलाज की सुविधाओं में बढ़ोत्तरी के बावजूद मृत्यु दर का बढ़ना गंभीर चिंता का विषय है. कर्नाटक, मेघालय, ओडीसा, त्रिपुरा, मणिपुर आदि राज्यों में एईएस या जेई से मृत्यू दर दो फीसदी से ज्यादा नहीं है जबकि यूपी, पश्चिम बंगाल और असोम में 10 फीसदी से ज्यादा है जो यह दर्शाते हैं कि इंसेफेलाइटिस रोगियों के इजाज की स्थितियां और ठीक करने की जरूरत है.
इन प्रयासों की असली परीक्षा अगले चार महीनों में होनी है. हालांकि अब तक के आंकड़े यूपी में इंसेफेलाइटिस को रोकने के दावों की विफलता की ही गवाही दे रहे हैं.