गोरखपुर. प्रेमचंद पार्क में प्रलेस, जलेस, जसम व इप्टा के संयुक्त तत्वावधान में 28 अगस्त को फिराक गोरखपुरी की जयंती मनायी.
इस मौके पर रवीन्द्र श्रीवास्तव ‘जुगानी भाई ‘ ने ” आज का कबीर : फिराक गोरखपुरी ” और प्रलेस के उपाध्यक्ष कलीमुल हक़ ने फ़िराक़ के कृतित्व और जीवन वृत्त पर केंद्रित आलेख ‘ सदी की आवाज :फिराक गोरखपुरी ’ पढ़ा. डा. रविन्द्र श्रीवास्तव “जुगानी” ने अपने आलेख में कहा कि फिराक गोरखपुरी साहित्य के कबीर थे. उनकी कविताओं मे लोकधर्मिता, यथार्थवाद व प्रगतिशीलता कूट-कूट कर भरी है.
कामिल खान, आसिम रऊफ, भीमसेन, धर्मेंद्र श्रीवास्तव, रवि राय एवं सुश्री वादिनि यादव ने फ़िराक़ साहब के संस्मरणों तथा उनकी नज़्मों पर वक्तव्य दिए. कार्यक्रम की शुरुआत में शैलेन्द्र निगम ने फ़िराक़ की तीन ग़ज़लों की रागात्मक प्रस्तुति की.
प्रलेस के अध्यक्ष आसिम रउफ और कामिल खां ने फिराक गोरखपुरी पर वृहद् स्तर पर कार्यक्रम आयोजित करने का सुझाव दिया.
इस अवसर पर रवि राय,आर डी एन श्रीवास्तव ,वादनी यादव, भीम सेन, वीरेन्द्र हमदम,आसिफ सईद, धर्मेन्द्र त्रिपाठी, जलेस के जिला उप सचिव वेद प्रकाश,डॉ मुमताज़ खान, वीरेंद्र हमदम, सुजीत सोनू, राजाराम चौधरी, बैजनाथ मिश्र आदि उपस्थित थे.
की शिरकत स्मरणीय।