गोरखपुर: लोकायुक्त प्रशासन के कार्यों के बारे में जनमानस में प्रचार प्रसार के उद्देश्य से आयी लोकायुक्त प्रशासन की टीम आज गोरखपुर पहुंची. टीम के सदस्यों ने सर्किट हाउस में प्रातः 9 बजे से 11 बजे तक लोगों की शिकायतों को सुना तथा उनके निस्तारण की प्रक्रिया के बारे में उन्हें समझाया. लोकायुक्त प्रशासन की ओर से आये अन्वेषण अधिकारी कमर मजीद ने बताया कि लोकायुक्त की टीम जनपद में लोकायुक्त प्रशासन के कार्यों के बारे में जनमानस में प्रचार प्रसार के उद्देश्य से आयी है. उन्होंने बताया कि लोकसेवकों के भ्रष्टाचार एवं पद के दुरूपयोग की शिकायतों का निराकरण करना लोकायुक्त का उद्देश्य है.
सर्किट हाउस में 9 से 11 बजे तक जन शिकायतें सुनी
शिकायतों को निस्तारण की प्रक्रिया के बारे में परिवादियों को बताया
लोकायुक्त टीम को दो घंटे के दौरान 90 शिकायतें मिली
टीम के सहायक समीक्षा अधिकारी अंकित अग्रवाल ने लोगों को शिकायत करने की प्रक्रिया के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी. उन्होंने बताया कि लोकसेवकों के विरूद्ध दो प्रकार की शिकायतें लोक आयुक्त प्रशासन में की जाती है, अभिकथन एंव शिकायत. अभिकथन रूपी (भ्रष्टाचार के संबंध में) परिवाद में परिवादी प्रतिभूति की धनराशि 2000 रू चालान के माध्यम से शासकीय कोष में जमा करते हुए चालान की मूल प्रति शिकायती पत्र के साथ 3 प्रतियों में लोकायुक्त कार्यालय उप्र लखनऊ को डाक के माध्यम से भेज सकते है. यदि परिवादी द्वारा की गयी शिकायत झूठी या मिथ्या पायी जाती है तो जमा की गयी प्रतिभूति धनराशि जब्त कर लिया जायेगा व शिकायतकर्ता पर 50 हजार रू तक का जुर्माना लगाया जा सकता है. पूर्व में लाकायुक्त प्रशासन में आये प्रकरणों में दोषी पाये गये लोकसेवकों के विरूद्ध कार्यवाही भी की जा रही है. आज कुल 90 प्रकरण लोकायुक्त प्रशासन की टीम के सामने प्रस्तुत हुए.