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गोरखपुर विश्वविद्यालय में अब शोध में प्रवेश के लिए शोध पात्रता परीक्षा देनी होगी

गोरखपुर,. दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में  एक अक्टूबर से शोध प्रवेश के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के शोध विनियम 2016 के प्रावधान लागू होंगे। यह निर्णय आज कुलपति प्रो विजय कृष्ण सिंह की अध्यक्षता वाली एक उच्च स्तरीय बैठक में लिया गया ।

नए प्रावधानों के अनुसार विश्वविद्यालय शोध में प्रवेश के लिए शोध पात्रता परीक्षा आयोजित करेगा । भौतिकी विभाग के अध्यक्ष प्रो सुग्रीव नाथ तिवारी को इस पात्रता परीक्षा का समन्वयक नामित किया गया है ।

 उत्तर प्रदेश शासन ने विगत 24 अगस्त को राज्य के समस्त विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को प्रेषित एक पत्र में यह निर्देशित किया था कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के शोध विनियम 2016 का सम्यक अनुपालन प्रारंभ किया जाए । ज्ञातव्य है कि अभी तक शोध में प्रवेश विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के शोध विनियम 2009 के प्रावधानों के अंतर्गत हो रहे थे ।

आज की बैठक में निर्णय लिया गया कि विचाराधीन शोध प्रस्तावों पर 30 सितंबर तक प्रवेश कार्य पूरा कर लिया जाए । इसके पश्चात नए विनियम के प्रावधानों के अंतर्गत शोध पात्रता परीक्षा द्वारा प्रवेश लिया जाएगा । अब नेट तथा जेआरएफ अभ्यर्थियों को भी इस पात्रता परीक्षा में सम्मिलित होना होगा हालांकि उन्हें 5% का अधिभार (वेटेज) प्रदान किया जाएगा। बैठक में प्रतिकुलपति, समस्त अधिष्ठाता गण, कुलसचिव तथा विश्वविद्यालय नियंता उपस्थित रहे।

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