गोरखपुर. दलित महिला मजदूर सुधा की सांस आज थम गई. मार्ग दुर्घटना में घायल होने के बाद वह इलाज के लिए गोरखपुर से लखनऊ तक भटकती रही लेकिन उसे ठीक से इलाज नसीब नहीं हुई. आखिरकार आज दोपहर उसकी रेल बिहार स्थित एक निजी अस्पताल में मौत हो गई.
सुधा कैम्पियरगंज क्षेत्र के सुरस टोला कलान गांव की रहने वाली थी. उसके पति विकलांग हैं. 30 सितम्बर को वह मार्ग दुर्घटना में घायल होगी थी. दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना की पात्र होने के बावजूद तीन सरकारी अस्पतालों में उसका इलाज नहीं हो सका. योजना में सूचीबद्ध दो प्राइवेट अस्पतालों ने भी उसका इलाज नहीं किया. एक ने भर्ती करने के बाद 20 हजार न मिलने पर उसे अस्पताल से बाहर निकाल दिया। जिन दो प्राइवेट अस्पतालों में उसका इलाज हुआ वहां उसका 3 लाख खर्च हो गया. खेत रेहन पर रखना पड़ा. सीएम से डीएम तक गुहार लगाने से भी उसे कोई राहत नहीं मिली. एक महीने तक गोरखपुर से लखनऊ तक चक्कर लगाने के बाद आखिरकार आज उसकी मौत हो गई.
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