गोरखपुर. उ0प्र0 राज्य आपदा प्रबंध प्राधिकरण के उपाध्यक्ष ले0 जनरल (अ0प्रा0) रविन्द्र प्रताप शाही ने कहा है कि जलवायु परिवर्तन आज की मुख्य ज्वलंत समस्याओ में एक है. जलवायु परिवर्तन के कारण आपदाओ की मार झेलनी पड़ रही है. जलवायु परिवर्तन से आजीविका, कृषि, वनस्पति, वानिकी, जैवविविधता, मानव स्वास्थ्य, विशेष कर बच्चो पर, पशु स्वास्थ्य जैसे क्षेत्र में विपरीत प्रभाव पड़ा है. जलवायु परिवर्तन के कारण तापमान में वृद्धि होने से विषाणुओ व जीवाणुओ विशेष कर मच्छरो की संख्या बढ़ी है जिसके कारण लोगो को फ्लू, वायरल बुखार, मलेरिया, डेंगू, इंसेफेलाइटिस जैसे अन्य स्वास्थ्य विकारों का समाना करना पड़ रहा है. जलवायु परिवर्तन के परिपेक्ष्य में गोरखपुर जनपद अति संवेदनशील है.
श्री शाही 16 नवम्बर को होटल क्लार्क ग्रैण्ड में आयोजित जिला आपदा प्रबंध प्राधिकरण के अन्तर्गत क्लाइमेंट सेल के गठन एवं क्रियान्वन के बारे में आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि प्रदेश का यह पहला जनपद है जहां क्लाइमेट सेल का गठन किया गया है. जलवायु परिवर्तन का प्रभाव हमारे रहन-सहन एवं दिनचर्या पर पड़ता है. उन्होंने कहा कि क्लाइमेट चेंज के सम्बंध में आयोजित यह कार्यशाला काफी उपयोगी सिद्ध होगी और प्रदेश के अन्य जनपदो में भी इस तरह की कार्यशाला आयोजित कर लोगो को जागरूक किया जायेगा.
उन्होंने कहा कि गोरखपुर का रामगढ़ताल नेचर द्वारा दिया गया गिफ्ट है जिसे आने वाली पीढ़ी के लिए सुरक्षित रखना परम आवश्यक है.
उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन के प्रभावो को यदि समय रहते सीमित नही किया गया तो पृथ्वी पर आजीविका संकट के कारण मानव जीवन भी खतरे में पड़ जायेगा.प्रदेश सरकार आपदा न्यूनीकरण करने की दिशा में सतत प्रत्यनशील है. उन्होंने आधिकाधिक वृक्षारोपण पर बल देते हुए कहा कि इससे पर्यावरण स्वच्छ एवं धरा हराभरा होगी.
इस अवसर पर जिलाधिकारी के विजयेन्द्र पाण्डियन ने बताया कि जनपद में जलवायु परिवर्तन के प्रभावो को देखते हुए जिला आपदा प्रबंध प्राधिकरण के अन्तर्गत पाइलेट परियोजना के रूप में क्लाइमेट सेल के गठन का निर्णय लिया गया जिससे मौसम की निगरानी, मौसम का पूर्वानूमान तथा पूर्व सूचना प्राणाली विकसित कर सम्भावित आपदाओ के प्रभावो को न्यून किया जा सकें. उन्होंने कहा कि क्लाइमेट सेल के संचालन प्रक्रिया को सुदृढ़ करने, कार्यप्रणाली के विस्तार करने एवं विशेषज्ञो के विचार विमर्श करने हेतु इस कार्यशाला का आयोजन किया गया है. कार्यशाला में प्राप्त सुझावों का समावेश करते हुए क्लाइमेट सेल- गोरखपुर घोषणा पत्र 2018 जारी किया जायेगा जिससे विभाग व हितभागी संस्थाएं व एंजेसिया घोषणा पत्र के विन्दुओ को क्रियान्वित करने हेतु अग्रेतर कार्यवाही करेगी तथा जलवायु परिवर्तन के प्रभावो को न्यून करने हेतु साझा एवं एकीकृत प्रयास करेगी।
अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व विधान जायसवाल ने अतिथियो का स्वागत करते हुए कहा कि क्लाइमेट सेल को क्रियाशिल किये जाने हेतु प्राधिकरण स्तर पर एक आटोमेटिक वेदर स्टेशन स्थापित किया गया है. सेल सम्बंधी कार्यो को निस्तारित किये जाने हेतु यूनीसेफ से सहयोग से विशेषज्ञों की सेवाएं ली जा रही है. वर्तमान में क्लाइमेट सेल क्रियाशील है व सम्भावित आपदाओ सम्बंधी महत्वपूर्ण सूचनाओं का अद्यतन कर दस्तावेजीकरण किया जा रहा है. प्राप्त सूचनाओ का आवश्यक कार्यवाही हेतु सम्बंधित विभागो को प्रेषित की जा रही है.
आपदा प्रबंध प्राधिकरण के परियोजना निदेशक बलवीर सिंह, अदिति उमराव, यूनीसेफ लखनऊ के डा0 उर्वशी चन्द्रा ने कार्यशाला में अपने विचार व्यक्त किये. इस मौके पर विभिन्न विभागो के सम्बंधित अधिकारी, संस्थाओ पदाधिकारी उपस्थित रहे . कार्यक्रम का संचालन गौतम गुप्ता द्वारा किया गया.