बढ़नी (सिद्धार्थनगर). नेपाल के तराई में रह रहे मधेसी, थारू, आदिवासी और जनजाति के साथ लंबे समय से विभेद होता आया है. यह समुदाय आज भी बहुत ही उपेक्षित है. नेकपा एमाले, नेकपा माओवादी ,नेपाली कांग्रेस सभी सियासी दलों ने इनका शोषण किया. इनके विकास और पुनुरुत्थान के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए. हमेशा दोयम दर्जे के नागरिकों की तरह व्यवहार किया. इनके समस्याओं और पिछड़ेपन को लेकर सिर्फ और सिर्फ बयान बाजी हुई.
यह विचार नेपाल के प्रदेश नंबर दो के मुख्यमंत्री मोहम्मद लाल बाबू राउत ने व्यक्त किया. श्री राउत मंगलवार को नेपाल के कृष्णनागर के उद्योग वाणिज्य संघ के सभागार में आयोजित स्वागत एवं पार्टी कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे. श्री राउत ने कहा कि राजनैतिक दल का काम सत्ता के द्वारा समाज के हर तबके के उत्थान का होता है. मधेसी समाज को अपने अधिकारों की लड़ाई के लिए आगे आना होगा. प्रदेश नंबर दो में मधेसी समाज ने अपनी एकता का परिचय दिया और अपनी सरकार बनायी. इसी तरह प्रदेश नम्वर पांच में और तराई के मैदानी भागों में मधेसी समुदाय को राजनैतिक रूप से जागृत होना होगा. बिना राजनैतिक चेतना के आप अपने अधिकारों को हासिल नहीं कर पाएंगे.
उन्होंने कहा कि संघीय समाजवादी फोरम ( नेपाल ) ने नेपाल में संघीयता की लड़ाई लड़ी. फोरम ने मधेसियों के लिए संघर्ष किया. यही नहीं थारू, जनजाति और पहाड़ों पर हाशिये की ज़िंदगी गुज़ार रहे आदिवासियों के लिए भी लड़ाइयां लड़ीं. श्री राउत ने कहा कि मधेसी समुदाय को अपनी एक जुटता का परिचय देना होगा,तभी उनका विकास संभव है. देश और समाज की समृद्धि के लिए श्री राउत ने अपने संबोधन में शिक्षा पर भी बल दिया. उन्होंने आधी आबादी की समस्याओं पर भी चर्चा की. महिला सशक्तिकरण और बालिका शिक्षा पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि शिक्षित बेटी समाज के लिए एक अनमोल धरोहर है.
सम्मेलन को सलाहुद्दीन, शैलेश कुमार, रशीद खान, रामबरन यादव, अकिल मियां, सग़ीर ए ख़ाकसार, शैलेश प्रताप शाह आदि ने भी संबोधित किया. इससे पूर्व मुख्यमंत्री का जोरदार स्वागत किया गया. संचालन शिवपूजन यादव ने किया. आयोजक अकरम पठान और फोरम के प्रदेश अध्यक्ष अशोक यादव ने आये हुए अतिथियों /कार्यकर्ताओं को धन्यवाद ज्ञापित किया.