गोरखपुर । अलख कला समूह ने शनिवार को मुंशी प्रेमचंद की कहानी ‘ मंत्र ’ का नाट्य मंचन प्रेमचंद पार्क में बने मुक्ताकाशी मंच पर किया । नाट्य रूपांतरण जन नाटककार राजाराम चौधरी तथा निर्देशन वरिष्ठ युवा रंगकर्मी बेचन सिंह पटेल का रहा ।
नाटक के प्रारंभ में सूत्रधार के रूप में स्वयं प्रेमचंद मंच पर आते हैं और कहानी की पृष्ठिभूमि बताते हुए नाटक के किरदारों पर प्रकाश डालते हैं. रूपांतरकार की अपनी कल्पना शैली से स्वयं मुंशी प्रेमचंद को मंच पर उतारा जाता है और कहानी के प्लाट पर चर्चा कराया जाता है, जिसमें मुंशी प्रेमचंद जी बताते हैं कि भगत का किरदार गोरखपुर में रहने वाले सपेरों की बस्ती से लिया गया है । कहानी डॉक्टर चड्ढा के क्लीनिक से शुरू होती है. वह मरीजों को देखने के बाद गोल्फ खेलने की तैयारी में निकलने वाले हैं. इस बीच भगत अपने बीमार बच्चे को लेकर उनके पास पहुंचता है. डॉक्टर उपचार करने से सीधे मना कर गोल्फ खेलने चल देते हैं। भगत का लड़का मर जाता है.
कुछ समय बाद एक दिन डॉ चड्ढा का लड़का कैलाश नाथ अपने जन्मदिन की पार्टी पर मेहमानों को मिस मृणालिनी व अन्य दोस्तों के उकसाने पर सांप का खेला दिखाता है और उसी दौरान सांप उसको काट लेता है. तमाम झाड़-फूंक उपचार के बाद ठीक नहीं होता है तो वही बुड्ढा भगत ना चाहते हुए अपनी निस्वार्थ सेवा भाव को दर्शाते हुए अनचाहे मन से डॉक्टर चड्ढा के घर पहुंचता है और अपने मंत्र से कैलाशनाथ को ठीक कर देता है. तब डॉक्टर चड्ढा पुरानी बातों को याद करते हुए भगत के प्रति किए गए व्यवहार पर आत्म ग्लानि होती है.
कैलाश नाथ की भूमिका आशुतोष पाल, मृणालिनी की अनन्या, भगत की अनीश ,बुढ़िया की कावेरी ,डॉक्टर चड्ढा की जेएन शाह, नारायणी की नम्रता श्रीवास्तव, कंपाउंडर की बैजनाथ मिश्र ,पंडित की राजू ,मौलवी की पुष्कर , प्रेमचंद की राकेश कुमार ने निभा. नाटक में निखिल पाल,बालेंद्र कश्यप ने भी अभिनय किया. संचालन प्रेमचंद साहित्य संस्थान के सचिव मनोज सिंह , मेकअप प्रदीप जायसवाल ,प्रकाश व्यवस्था देशबंधु , सहयोग सुजीत कुमार श्रीवास्तव, विपिन कुमार सिंह, अर्चना शाही, सुमिरन जीत मौर्य का रहा.