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स्टूडेंट यूथ चार्टर जारी कर शिक्षा पर बजट का 10 प्रतिशत खर्च करने की मांग

देश भर के लाखों छात्र नौजवान 7 फरवरी को दिल्ली में यंग इंडिया अधिकार मार्च में हिस्सा लेंगे

पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने किया यंग इंडिया नेशनल कोऑर्डिनेशन कमिटी का समर्थन

लखनऊ. शिक्षा और रोजगार पर अनवरत हो रहे हमलों और मोदी सरकार की वादाखिलाफी के खिलाफ 7 फरवरी को दिल्ली में आयोजित यंग इंडिया अधिकार मार्च के लिए समर्थन जुटाने निकली यंग इंडिया नेशनल कोऑर्डिनेशन कमिटी 15 जनवरी को  लखनऊ में पहुंची. इस मौके पर जेएनयू छात्रसंघ अध्यक एन. साईं. बालाजी,  दिल्ली विश्वविद्यालय की छात्रनेत्री कंवलप्रीत कौर सहित कई युवा व छात्र नेताओं ने स्टूडेंट यूथ चार्टर जारी करते हुए खाली पड़े सभी सरकारी पदों को अविलंब भरने, सरकारी नौकरियों की संख्या बढ़ाने, भर्ती प्रकिया में धांधली व पेपर लीक की घटनाओं को रोकने, शिक्षा पर बजट का कम से कम 10 प्रतिशत खर्च करने, विद्यालयों को बंद करने, उच्च शिक्षा में सीट कटौती , फण्ड कटौती ,फीस वृद्धि पर रोक लगाने की मांग की.

प्रेस क्लब में आयोजित इस प्रेस कांफ्रेंस को जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष एन. साईं. बालाजी ,दिल्ली विश्विद्यालय की आइसा नेत्री कंवलप्रीत कौर, समाजवादी छात्र सभा के अनिल मास्टर, सीवाईएसएस के वंशराज दुबे, इंडियन यूथ कांग्रेस के सुधांशु बाजपेई, समाजवादी युवजन सभा के विकास यादव आदि ने मुख्य रूप से सम्बोधित किया।

एन. साईं. बालाजी ने प्रेस को सम्बोधित करते हुए कहा मोदी सरकार सत्ता मे 2 करोड नौकरियों का वादा कर के आई थी लेकिन रोज़गार देने के बजाय उल्टा 1 करोड़ नौकरियों में कमी आयी है। अगर इनसे बेरोजगारी पर सवाल पुछ लीजिये तो मोदी जी कहतें हैं नौकरी है लेकिन डाटा नहीं है नतिन गडकरी कहतें कोटा ले कर क्या करोगे नौकरियां नहीं है। असल मे मोदी राज मे 6% बेरोजगारी का दर हैं जो अब तक के सबसे अधिक स्तर पर है।
बालाजी ने यह भी बताया है कि अखिलेश यादव जी के द्वारा भी इस आंदोलन को समर्थन मिला है।

यंग इंडिया नेशनल कॉर्डिनेशन कमिटी का एक प्रतिनिधि मंडल उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से भी मिला जिसमें एन. साईं. बालाजी व कंवलप्रीत कौर शामिल थे। अखिलेश यादव जी ने भी 7 फरवरी को होने वाले इस मार्च को अपना समर्थन दिया है।

आइसा दिल्ली विश्वविद्यालय की नेता कवलप्रीत कौर ने कहा कि ,”सरकार सरकारी शिक्षण संस्थानों को ध्वस्त कर शिक्षा को निजीकरण की ओर धकेल रही है. विश्वविद्यालयों में स्वायत्तता के नाम पर निजी पाठ्यक्रमों के जरिए छात्रों से मोटी फीस वसूलने की तैयारी है. जहाँ गरीब, वंचित छात्रों के लिए कोई जगह नहीं होगी. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग(यूजीसी) की जगह अब हायर एजुकेशन फंडिंग एजेंसी (हेफा) लाने की तैयारी है, जो विश्वविद्यालयों को अनुदान की जगह दस वर्ष के लिए कर्ज देगी। यानि सीधे तौर पर छात्रों को धन उगाही का स्त्रोत बना दिया जाएगा. विश्वविद्यालयों में पढ़ रहे छात्र मोदी सरकार की शिक्षा को ध्वस्त करने की साजिश को समझ चुके हैं और लोकसभा चुनाव के पहले भाजपा सरकार को सबक सिखाने के लिए तैयार हैं।”

समाजवादी युवजन सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष विकास यादव ने कहा कि,” मोदी सरकार की जुमलेबाजी को अब इस देश का युवा समझ चुका है और एक एक करके भाजपा से सभी वादों का हिसाब मांगेगा।”

समाजवादी छात्रसभा के प्रदेश उपाध्यक्ष अनिल मास्टर ने कहा कि ,”प्रतियोगी परीक्षाओं में लगातार भ्रष्टाचार, धांधली और पेपरलीक हो रहा है, भ्रष्टाचार मुक्त करने के नाम पर आई सरकार भ्रष्टाचारियों को शरण देने में लगी है. धांधलियों का विरोध करने वाले छात्रों पर आए दिन लाठियां चलवाई जा रही हैं. भ्रष्टाचार में सराबोर सरकार को एक पल भी टिकने नहीं दिया जाएगा.”

इंडियन यूथ कांग्रेस के नेता सुधांशु बाजपेई ने कहा ,”इस देश मे अगर अब राजनीति होगी तो शिक्षा, रोजगार, और किसानों के मुद्दों पर होगा नफ़रत और उन्माद के नाम पर नहीं।”

सीवाईएसएस के अवध प्रान्त अध्यक्ष वंशराज दुबे और एयूडीएसयू बसंत कनौजिया ने भी अपना समर्थन दिया।

प्रेस कांफ्रेंस में स्टूडेंट यूथ चार्टर भी रिलीज किया गया जिस की प्रमुख मांगे कुछ इस प्रकार हैं:-

‌1- खाली पड़े सभी सरकारी पदों को अविलंब भरा जाय। सरकारी नॉकरियो की संख्या बढ़ाओ तथा भर्ती प्रकिया में धांधली व पेपर लीक की घटनाओं को रोका जाय।

‌2- शिक्षा पर बजट का कम से कम 10 प्रतिशत खर्च किया जाय। विद्यालयों को बंद करने, उच्च शिक्षा में सीट कटौती , फण्ड कटौती ,फीस वृद्धि पर रोक लगाई जाए।

‌3- लैंगिक भेदभाव आधारित नियमों को समाप्त किया जाय। अधिक महिला छात्रावासों व प्रभावी यौन उत्पीड़न विरोधी कमेटियों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाय।

‌4- NIT श्रीनगर का सभी सुविधाओं सहित स्थायी कैंपस का निर्माण किया जाय।

‌5- गढ़वाल विश्वविद्यालय में स्थायी कुलपति की नियुक्ति की जाय तथा सभी रिक्त प्राध्यापकों के पदों को तत्काल भरा जाय।

‌प्रेस कॉन्फ्रेंस में छात्र चिंतक सभा से अहमद रजा ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा) के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य नितिन राज व आइसा के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य शिवा रजवार आरवाईए के राजीव गुप्ता समेत अन्य छात्र युवा आंदोलन के नेता भी मौजूद रहे।

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