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गोरखपुर-बस्ती मंडल से 1909 लोग जायेंगे हज के सफर पर

गोरखपुर। हज के लिए कुर्रा अंदाजी (लाॅटरी) में नाम आने के बाद आवेदकों की खुशी का ठिकाना नहीं है और ऐसा हो भी क्यों ना अल्लाह के घर का दीदार करने का मौका जो मिल रहा है। हर मुसलमान की यह ख्वाहिश होती है कि वह हज यात्रा पर जाए और दीन-ए-इस्लाम का अहम रूक्न (रस्म) की अदायगी और पैगंबर हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम के रौजे की जियारत कर सकें।

सोमवार को देश के सबसे बड़े राज्य उप्र की राजधानी लखनऊ में हज यात्रियों का कम्पयूटराइज कुर्रा हुआ है। गोरखपुर-बस्ती मंडल के सात जिलों से 1909 आवेदकों को सामान्य कोटे के तहत मुकद्दस हज के सफर पर जाने का मौका मिला। गोरखपुर मंडल से 757 व बस्ती मंडल से 1152 आवेदकों का चयन हुआ।

गोरखपुर से 177 कवर पर 397, महराजगंज से 54 कवर पर 152, देवरिया से 53 कवर पर 113, कुशीनगर से 36 कवर पर 95, बस्ती से 76 कवर पर 183, संतकबीरनगर से 147 कवर पर 377 व सिद्धार्थनगर से 226 कवर पर 592 आवेदकों का चयन हुआ। सबसे अधिक आवेदकों का चयन सिद्धार्थनगर से व सबसे कम आवेदकों का चयन कुशीनगर  से हुआ है। उक्त आंकड़ों में रिजर्व कटैगरी व मेहरम कैटगरी के आंकड़े नहीं है।

हज कमेटी ऑफ इंडिया द्वारा चयनित आवेदकों को बधाई के साथ एसएमएस आना शुरू हो चुका है। बताते चलें कि गोरखपुर से वर्ष 2018 में 339, वर्ष 2017 में 286 वर्ष व 2016 में 230 आवेदक सामान्य कोटे से हज यात्रा पर गए थे।

गोरखपुर से हज यात्रा पर जाने के लिए कुर्रा अंदाजी में पहला नाम शकील अहमद, दूसरा नाम तय्यब अली व तीसरा नाम मो. तारिक सईद का निकला है। वहीं गाजी रौजा के रहने वाले 58 वर्षीय मोहम्मद जाहिद अली अपनी पत्नी हाजरा खातून व पुत्र मो. फैज अली के साथ मुकद्दस हज के सफर पर जायेंगे।

तकिया कवलदह अशरफ कालोनी के रहने वाले रिटायर्ड रेलवे कर्मचारी इकबाल आलम अकेले हज करने जायेंगे। कुर्रा में नाम आने पर उनके पुत्र आफताब अहमद ने मोहल्ले में मिठाई बांटी। बक्शीपुर में कापी-किताब का बिजनेस करने वाले घोसीपुर निवासी मो.तारिक बेहद खुश है और अल्लाह का शुक्र अदा कर रहे है। वह अपनी पत्नी रुखसाना खातून के साथ हज पर जायेंगे। गुलशने कादरिया मस्जिद असुरन के नायब इमाम व मोअज्जिन मौलाना मोहम्मद शरीफ कहते हैं कि जब से उन्हें मोबाइल एसएमएस द्वारा सूचना मिली है तब से उनके घर में खुशी का माहौल है। दूर-दराज के रिश्तेदार जहां फोन द्वारा मुबारकबाद पेश कर रहे है वहीं पास वाले घर आकर हमारी खुशियों में ना सिर्फ शमिल हो रहे है बल्कि अपने लिए दुआ की दरख्वास्त कर रहे है।

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