बहराइच. बहराइच में मानव तस्करी, बाल तस्करी व वनाधिकारों के मुद्दे पर कार्यरत संस्था-देहात समाज कार्य संगठन के प्रयास सेबहराइच जिले के कैसरगंज कसबे के पास से 6 बंधुआ मजदूरों को मुक्त कराया.
संस्था को नेशनल कैंपेन कमेटी फॉर एंडिंग बांडेड लेबर से सूचना मिली कि उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले के कैसरगंज कस्बे से 6 किमी दूर स्थित एक ईंट भट्ठे में बिलासपुर छत्तीसगढ़ के निवासी 3 पुरुष 3 महिलाएं और 5 मासूम बच्चे तीन माह से अमानवीय परिस्थितियों में बंधुआ मजदूर के रूप में कैद हैं.
देहात संस्था द्वारा संस्था के मुख्य कार्यकारी व सामाजिक कार्यकर्ता जितेन्द्र चतुर्वेदी के नेतृत्व में जिला प्रशासन, श्रम विभाग के अधिकारियों, चाइल्ड लाइन टीम, कैसरगंज पुलिस, तहसीलदार आदि के साथ मिलकर एच0बी0एफ0 बाले ब्रिकफील्ड पर छापा मारा गया और सभी बंधुआ मजदूरों को मुक्त करा लिया गया.
मजदूरों ने बताया कि उन्हें अलग-अलग कोठरियों में बंद रखा जाता था. हर रोज बुरी तरह लाठी-डंडों, जूते, बेल्ट व लात घूंसो से मारकर आतंकित किया जाता था। उनके 3 व 5 साल के बच्चों को भी नहीं बख्शा जाता।
मुक्त कराई गई महिला मजदूरों में एक के पास एक माह का बच्चा है। प्रसव के तुरंत बाद उसे भी काम में झोंक दिया गया। मुक्त होने के बाद भट्ठा मालिकों के हलक से इनकी मेहनत की कमाई का बकाया 39000 रूपये का भुगतान करवाया गया।
मुक्त कराने वाले दल के अन्य सदस्यों में रेखा वर्मा, आलोक, चाइल्ड लाइन सिटी कोआर्डिनेटर रिया सिंह, तहसीलदार कैसरगंज सोहनलाल, कैसरगंज पुलिस, श्रमवर्तन अधिकारी अनुराग त्रिपाठी व भारती तकनीकी सहायक सत्येंद्र पांडेय शामिल रहे।