समाचार

भारतीय संस्कृति,सभ्यता और आस्था का प्रतीक है गोरखपुर महोत्सव

गोरखपुर. राज्यपाल राम नाईक द्वारा उद्घाटन के साथ गोरखपुर विश्वविद्यालय के क्रीडा संकुल में आयोजित तीन दिवसीय गोरखपुर महोत्सव शुक्रवार को प्रारम्भ हो गया.

गोरखपुर महोत्सव का उद्घाटन करते हुए राज्यपाल राम नाइक ने कहा कि गोरखपुर महोत्सव भारतीय संस्कृति सभ्यता और आस्था का प्रतीक है. उन्होंने कहा कि संस्कृति जीवन की परम्परा है जिसका प्रचार प्रसार एंव विकास करने की आवश्यकता है और इसी उद्देश्य से महोत्सव का आयोजन होता है जिससे हमारे देश की सभ्यता और संस्कृति विकसित होती है.

उन्होंने कहा कि उ0प्र0 में नित्य नये-नये विकास कार्य संचालित हो रहे है. इसका प्रकटीकरण गोरखपुर महोत्सव में भी दिखाई दे रहा है. उन्होंने कहा कि मुझे इस बात की प्रसन्नता हो रही है कि गोरखपुर महोत्सव पिछले साल आयोजित हुआ तथा इस बार और विस्तृत रूप में इसका आयोजन किया गया है. उन्होंने कहा कि विद्धान एंव बुद्धिमान व्यक्ति वही होता है जो किसी कार्य की शुरूआत करके उसको निरन्तर जारी रखता है.

राज्यपाल ने कहा कि गोरखपुर महोत्सव बहुत अच्छे समय पर आयोजित किया गया है क्योंकि 12 जनवरी को स्वामी विवेकानन्द की जयंती है जिसके आदर्शों का हम सभी को अनुसरण करना चाहिए. उन्होंने कहा कि 14 एवं 15 जनवरी को मकर संक्रान्ति का पर्व प्रारम्भ होगा तथा 15 जनवरी से कुम्भ प्रारम्भ हो रहा है अर्थात 11 जनवरी से 13 जनवरी तक आयोजित होने वाले गोरखपुर महोत्सव बड़े अच्छे समय एंव महूर्त शुरू हुआ है.

राज्यपाल ने उत्सव एंव महोत्सव के अन्तर बताते हुए कहा कि संस्कृति का दर्शन महोत्सव में मिलता है. हमारे देश में कुल 64 कलाएं है. महोत्सव में 30 स्टाल किताबों के लगाये गये है. किताब जीवन का आनन्द और ज्ञान प्रदान करता है. संस्कृति जीवन की परम्परा है, उन्होंने गोरखपुर महोत्सव की सफलता की शुभकामना व्यक्त करते हुए कहा कि गोरखपुर महोत्सव से सभ्यता एंव संस्कृति मजबूत होगी तथा देश की एकता और अखण्डता को बल मिलेगा.

महोत्सव आयोजन समिति के अध्यक्ष मण्डलायुक्त अमित गुप्ता ने सभी का स्वागत किया. उन्होंने बताया कि महोत्सव के आयोजन का उद्देश्य गोरखपुर के साथ साथ पूर्वान्चल की संस्कृति एंव सभ्यता को प्रदर्शित करना है तथा विभिन्न क्षेत्रों में हो रहे नित्य नये नये विकास को दर्शाना है। उन्होंने बताया कि 3 दिवसीय गोरखपुर महोत्सव के साथ साथ 11 से 17 जनवरी तक शिल्प मेला आयोजित होगा जिसके माध्यम से शिल्पियों को प्रोत्साहन मिलेगा। ज्ञानवर्धन हेतु पुस्तक मेला महोत्सव लगाया गया है. जिलाधिकारी के0 विजयेन्द्र पाण्डियन ने सभी आगंतुकों के प्रति धन्याद ज्ञापित किया।

Related posts