मदरसा के छात्रों को प्रतिस्पर्धा योग्य बनाना होगा
बढ़नी (सिद्धार्थनगर). नेपाल के सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक रूपांतरण में नेपाल के मुसलमानों की भूमिका महत्वपूर्ण है. मदरसा बोर्ड का गठन किया जाएगा. मदरसे में अध्ययनरत छात्रों को आधुनिक ,वैज्ञानिक और तार्किक शिक्षा के ज़रिए प्रतिस्पर्धी बनाना होगा ,जिससे वो चुनौतियों से पार पा सकें .
यह विचार नेपाल के प्रदेश नम्वर पांच के सामाजिक विकास मंत्री (कैबिनेट) सुदर्शन बराल ने बृहस्पतिवार को “मातृभाषा में शिक्षा के अवसर और चुनौती ” विषयक संगोष्ठी को संबोधित करते हुए व्यक्त किया. श्री बराल अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के अवसर पर मदरसा सिराजुल उलूम झंडा नगर में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे.
श्री बराल ने कहा कि नेपाली भाषा हमारी राष्ट्र भाषा है. नेपाल में बोली जाने वाली अन्य भाषाओं के संरक्षण और संवर्धन से हमारी भाषा और मज़बूत होगी. उर्दू , अरबी भी उतनी ही महत्वपूर्ण है जितना मगर, थारू और मैथली भाषा आदि. श्री बराल ने कहा कि अल्पसंख्यक विश्वविद्यालय के लिए भी प्रयास किया जाएगा.
कार्यक्रम को जिला शिक्षा अधिकारी बाबू राम भट्टराई, विधायक रीना नेपाल, सुनीता वेलवासे , आर एन ठाकुर, मौलाना अब्दुल मन्नान, मौलाना रशीद, सग़ीर ए खाकसार आदि ने भी संबोधित किया. इससे पहले नेपाल मदरसा संघ के सचिव मौलाना मशहूद अहमद ने अपने स्वागत भाषण में मुख्य अतिथि व अतिथियों का स्वागत किया. मदरसा संघ के अध्यक्ष डॉ अब्दुल गनी अलकूफ़ी ने मुख्य अतिथि और विशिष्ट अतिथि को पवित्र कुरआन की प्रति भी भेंट की.
अपने अध्यक्षीय संबोधन में डॉ कूफ़ी ने मदरसे के मसायल ,शिक्षकों की समस्याओं को मुख्य अतिथि के समक्ष रखा.
इस मौके पर जाहिद आज़ाद झंडा नगरी,उप मेयर शबनम खातून,मौलाना शकूर अहमद,मौलाना खुर्शीद अहमद,दिनेश गुप्ता,सशस्त्र के डीएसपी मनोज धिताल,इंस्पेक्टर एस बोगटी,सरदार गुरुशरण सिंह,संजय गुप्ता आदि की उल्लेखनीय उपस्थिति रही. संचालन बसंत बंजाडे ने किया.