गोरखपुर। मियां बाजार स्थित मियां साहब इमामबाड़ा में हजरत सैयद रौशन अली शाह का उर्स बुधवार को स्थानीय अकीदतमंदों ने अदबो एहतराम के साथ मनाया।
भोर में अकीदतमंदों ने मजार शरीफ का गुस्ल किया। इसके बाद संदलपोशी हुई। सुबह कुरआन ख्वानी व कुल शरीफ की रस्म अदा की गयी।
इस मौके पर उलेमा ने कहा कि हजरत रौशन अली शाह के पैग़ामात बेशकीमती खज़ाना है। जिन्हें सभी को अपनी जिंदगी में अपनाना चाहिए। आलिम (विद्वान) की जियारत और दरवेशों की दोस्ती से बरकत हासिल होती है। मां-बाप का चेहरा मोहब्बत से देखना औलाद के लिए इबादत है। जो लड़का मां-बाप की कदमबोसी (पांव चूमे) हासिल करता है उसके पिछले गुनाह माफ कर दिए जाते हैं। ख्वाज़ा बायजीद बुस्तामी ने फरमाया है कि मैनें जितने भी मर्तबे पाए, अपने मां-बाप से पाए। सलातो-सलाम पढ़कर मुल्कों मिल्लत के लिए दुआ की गयी। शाम को अकीदतमदों ने मजार शरीफ पर चादर पेश की।
इस मौके पर मो. तारिक, मौलाना मकसूद, कारी हुजैफा मौलाना कासिम, शाकिब रजा, सैफ अली, बासित अली, सगीर, मो.कमाल, शुएब रजा, मो. इमरान, जमालुद्दीन नियाजी, मो. अरशद, मो. हसनैन, निजामुद्दीन नियाजी, आबिद अली आदि मौजूद रहे।