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सभा में पुलिस आरक्षी भर्ती के अभ्यर्थियों की नारेबाजी से नाराज हुए सीएम, बोले -बाहर कर दो

गोरखपुर. गोरखपुर के पीपीगंज में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यक्रम में उस वक्त हंगामा मच गया जब जब वर्ष 2013 की पुलिस आरक्षी भर्ती के अभ्यर्थी सीएम योगी आदित्यनाथ को पोस्टर-बैनर दिखाते हुए नारेबाजी करने लगे.  पुलिस आरक्षी भर्ती के अभ्यर्थियों की नारेबाजी से सीएम योगी आदित्यनाथ नाराज हो गए और उन्होंने प्रदर्शनकारियों को सभा से बाहर करने का आदेश दिया. सीएम ने यह भी कहा कि नारेबाजी करने वालों का नाम नोट कर उन्हें दिया जाय. पुलिस ने सीएम के आदेश पर पुलिस आरक्षी भर्ती के अभ्यर्थियों को सभा स्थल से बाहर कर दिया. कुछ को थाने भी ले जाया गया.

मुख्यमंत्री आज पीपीगंज में कृषि विज्ञान केन्द्र का उद्घाटन करने के बाद कृषि विज्ञान केन्द्र/कृषि मेले को संबोधित कर रहे थे. उनके संबोधन के पांच मिनट बाद सभा में दर्जनों युवक-युवतियां खड़े हो गए और बैनर लहराते हुए नारेबाजी करने लगे. ये प्रदर्शनकारी वर्ष 2013 पुलिस आरक्षी भर्ती के अभ्यर्थी थे जिनका रिजल्ट घोषित नहीं हुआ है, जबकि हाई कोर्ट से भी परीक्षा घोषित करने का आदेश हो चुका है. प्रदर्शनकारी परीक्षा का अंतिम परिणाम घोषित करने के साथ ही प्रशिक्षण पर भेजने की मांग कर रहे थे. उनका कहना था कि वर्ष 2018 में हुई परीक्षा का रिजल्ट घोषित कर उन्हें ट्रेनिंग पर भेज दिया गया है  जबकि उनका रिजल्ट बिना किसी कारण घोषित नहीं किया जा रहा है.

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सीएम योगी जब मंच से किसानों के बारे में बोल रहे थे तो सामने बैठे अभ्यर्थी हंगामा करने लगे और हाथों में पोस्टर और बैनर लेकर नारेबाजी करने लगे. सीएम योगी ने कुछ देर तक इनको अनसुना किया लेकिन जब इनकी आवाज़ पूरे पंडाल में गूंजने लगी तो उन्हें गुस्सा आ गया. उन्होंने प्रशासन को आदेश देते हुए कहा की इन सभी को कार्यक्रम स्थल से बाहर किया जाए और हंगामा करने वाले सभी लोगों के नाम नोट करके उनको उपलब्ध करवाया जाए.

सीएम योगी ने कई बार इस बात को दुहराया और सीएम के आदेश के बाद जिले के अधिकारी और पुलिस विभाग के अधिकारी मौके पर हंगामा करने वालों को पकडकर हिरासत में लेना शुरू कर दिया. इस हंगामे की वजह से सीएम को अपना संबोधन कुछ देर तक रोकना पड़ा.

हंगामा करने वाले अभ्यर्थी आज सुबह जनता दरबार में भी सीएम से मुलाकात करने पहुचे थे लेकिन वहां मुलाकात नहीं हो पायी थी.

गौरतलब है कि न्यायालय से भर्ती प्रक्रिया पूरी करने का आदेश पारित हो चुका है. वहीं पुलिस भर्ती बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष के समय से ही अंतिम परिणाम बनकर तैयार है लेकिन वर्तमान समय में पुलिस प्रोन्नति बोर्ड द्वारा कोर्ट के आदेश की अवहेलना की जा रही है तथा अंतिम परिणाम घोषित नहीं किया जा रहा है. ऐसे में पुलिस भर्ती के अभ्यर्थी पिछले 4 सालों से इन्हीं 2312 पदों के लिए न्यायालय में चक्कर काट रहे है. हालांकि कोर्ट से आदेश के बाद पुलिस भर्ती बोर्ड ने अभ्यर्थियों का मेडिकल परीक्षण करा लिया गया है बावजूद इसके अब पुलिस प्रोन्नति बोर्ड द्वारा न्यायालय के आदेश की अवहेलना किया जा रहा है तथा यह पद भरने से मना किया जा रहा हैं.

प्रदर्शनकारियों का कहना है कि लेट-लतीफी की वजह से कई अभ्यर्थी ओवर ऐज हो चुके हैं तथा न्यायालय का चक्कर काट-काट कर परेशान हो चुके है। ऐसे में अगर पुलिस भर्ती बोर्ड अपनी मनमानी से बाच नहीं आता है तो अभ्यर्थियों के पास आत्महत्या के अलावा और कोई रास्ता नहीं दिखेगा.

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