गोरखपुर। अब क्लब फुट (टेढ़े-मेढ़े पैर) पीड़ित बच्चों को आपरेशन के लिए बाबा राघव दास मेडिकल कालेज नहीं ले जाना पड़ेगा। अप्रैल महीने से यह सुविधा जिला अस्पताल में ही उपलब्ध हो जाएगी। स्वास्थ्य विभाग के अफसरों की पहल पर शीघ्र ही एक गैर सरकारी संस्था मिराकल फीट इंडिया अस्पताल के आर्थो चिकित्सकों को प्रशिक्षित कराने जा रही है।
अपर मुख्य चिकित्साधिकारी व नोडल आरसीएच डा. नंद कुमार ने बताया कि फिलहाल जिला अस्पताल के 32 नंबर ओपीडी में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) टीम द्वारा चिह्नित बच्चों को दिखा कर क्लब फुट प्रभावित उन बच्चों स्क्रीन किया जा रहा है, जिनकी सर्जरी करानी है।
उन्होंने बताया कि संस्था की मदद से जैसे ही चिकित्सक प्रशिक्षित हो जाएंगे, क्लब फुट की सर्जरी जिला अस्पताल में शुरू करा दी जाएगी। आरबीएसके की डीईआईसी मैनेजर डा. अर्चना ने बताया कि बच्चों की सर्जरी के चिकित्सक, दवाईयां व अन्य उपकरण विभाग उपलब्ध कराएगा जबकि चिकित्सकों के प्रशिक्षण, अभिभावकों की काउंसिलिंग, फालो अप और आरबीएसके टीम से समन्वय बनाकर क्लब फुट प्रभावित बच्चों को सहायता देने का काम संस्था करेगी। आपरेशन के बाद ठीक होने वाले बच्चों को विशेष जूते भी दिए जाएंगे।
क्या है क्लब फुट
· क्लब फुट में बच्चों के दोनों पैरों के पंजे एक दूसरे की तरफ मुड़े हुए होते हैं।
· यह बीमारी वंशानुगत भी होती है।
· माता या पिता में से कोई धुम्रपान का आदी है तो बच्चा इस बीमारी का शिकार हो सकता है।
· आरबीएसके टीम की मदद से बीआरडी मेडिकल कालेज में क्लब फुट की 31 सर्जरी करायी जा चुकी है।
· फिलहाल इस सर्जरी में सिर्फ बीआरडी मेडिकल कालेज के डाक्टर्स प्रशिक्षित हैं।