कुशीनगर. भारतीय किसान यूनियन (भानु) की जिला इकाई ने कुशीनगर के जिलाध्यक्ष रामचन्द्र सिंह के नेतृत्व में जिला प्रभारी कोमल यादव से मुलाकात कर प्रधानमन्त्री और मुख्यमन्त्री को सम्बन्धित सात सूत्रीय ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन में बंद चीनी मिलों को चलाने. किसानों को समय से गन्ना पर्ची देने, गन्ना मूल्य का भुगतान 14 दिन के अन्दर करने, जन धन खतों में 15-15 लाख देने आदि की मांग की गई है.
ज्ञापन में कहा गया है कि भारत एक कृषि प्रधान देश है. यदि देश का अन्नदाता खेती करना छोड़ दे तो देश में आपातकालीन स्थिति जैसी हालत पैदा हो सकती. इसके बाद भी केंद्र और राज्य की भारतीय जनता पार्टी की सरकार किसानों के उत्थान के लिये कोई ठोस कदम नही उठा रही है जिसके वजह से देश का अन्नदाता दिन रात खेतों में कार्य करने के बाद भी उसकी दशा और दिशा में कोई परिवर्तन होते नही दिख रहा है जो एक चिन्ता और चिन्तन का विषय है.
ज्ञापन में कहा गया है कि केंद्र और राज्य की सरकारों ने किसानों के हित में बहुत वादे किये लेकिन उसको निभाया नहीं. 2014 के लोकसभा चुनाव के समय प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी ने घोषणा की थी कि यदि केंद्र में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी तो जनपद कुशीनगर के पडरौना चीनी मिल को हम सौ दिन में चलवा देंगें. साथ ही साथ जनपद की जो अन्य बन्द चीनी मिल बंद हैं से भी चलवाने का कार्य करेंगे लेकिन उनका वादा सिर्फ वादा बनकर ही रह गया है. प्रधानमन्त्री ने 23 मार्च 2015 को फिरोजपुर (पंजाब) में एक रैली को सम्बोधित करते हुए कहा था कि हमारी सरकार देश के हर व्यक्ति को जो साठ साल के ऊपर हो गया है उसे पांच हजार रूपये मासिक पेशन देगी. उनके द्वारा यह भी वादा किया गया था की जनधन योजना में प्रत्येक खातें में पन्द्रह लाख रूपये भेजेगें लेकिन प्रधानमन्त्री का यह दोनों वादा सिर्फ खोखला ही साबित हुआ है.
ज्ञापन में कहा गया है कि प्रदेश के मुख्यमन्त्री योगी आदित्यनाथ द्वारा घोषणा की गई थी कि प्रदेश के किसानों के गन्ने का भुगतान चौदह दिन में उनके बैंक खाते मे आ जाएगा मगर उनका भी वादा ढाक क के तीन पात वाला किस्सा बनकर रह गया है, उपरोक्त बातों से यह महसूस हो रहा है कि भारतीय जनता पार्टी जो कहती है वह करती नही है?
कुशीनगर जिले के के तहसील कप्तानगंज अन्तर्गत ग्राम सभा चन्दरपुर, देवारियाबाबू, लालाछपरा और रघुछपरा में किसान सम्मान योजना का पहला किस्त जो दो हजार रुपये किसानों के खाते में केंद्र सरकार द्वारा आना था वह धनराशि आजतक किसानों के खाते में नही आया है| इसे संज्ञान में लेकर तत्काल किसानों के खाते में भेजवाया जाय. जनपद कुशीनगर में गन्ने की पर्ची को लेकर किसानों में असंतोष फैला हुआ है और किसान अपने गन्ने को क्रेशर पर देने के लिये मजबूर हो रहा है जबकि यूनियन द्वारा लगातार सम्बन्धित अधिकारी को ज्ञापन के माध्यम से बताया जा रहा है उसके बाद भी गन्ना पर्ची को लेकर सम्बन्धित अधिकारी द्वारा कोई ठोस कदम नही उठाया जा रहा है. गन्ना पर्ची को लेकर आजतक ऐसी परिस्थिति कभी देखने को नही मिला है. इस समस्या का तत्काल समाधान किया जाय. जिन किसानों का गन्ना अभी खेत में पड़ा हुआ है उसका पुन: पड़ताल कराया जाय और उनको तत्काल पर्ची की व्यवस्था किया जाय ताकि किसानों का गन्ना चीनी मिल तक समय से पहुँच सकें. केंद्र सरकार द्वारा जनधन योजना के प्रत्येक खाते में पन्द्रह लाख रुपया भेजा जाय क्योकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा यह घोषणा की गई थी. साथ ही 60 से अधिक उम्र वाले हर व्यक्ति की दस हजार प्रति माह पेंशन दिया जाय. जनपद कुशीनगर के कप्तानगंज, रामकोला, ढाडा, सेवरही और खड्डा चीनी मिल के ऊपर किसानों के गन्ने का भुगतान चौदह दिन में किसानों के खाते में भेजा जाय. लक्ष्मीगंज बन्द चीनी मिल को चलवाने के लिये लक्ष्मीगंज परिक्षेत्र के किसानों ने 61 दिन धरना-प्रदर्शन किये थे मगर केंद्र और राज्य सरकार लक्ष्मीगंज बन्द चीनी मिल को चलवाने के लिये आजतक घोषणा नही किया. इस परिक्षेत्र के किसान बन्धु सिर्फ गन्ने के फसल के ऊपर ही निर्भर है क्योकि इस परिक्षेत्र के किसानों का नकदी फसल सिर्फ गन्ना ही है. लक्ष्मीगंज चीनी मील को बन्द हो जाने के वजह से इस परिक्षेत्र के किसान बन्धु अपने आपको असहाय महसूस कर रहे है,
भाकियू भानु के जिलाध्यक्ष रामचंद्र सिंह ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार यदि उपरोक्त माँग का संज्ञान नहीं लेती है तो लक्ष्मीगंज परिक्षेत्र के किसान लोकसभा चुनाव में वोट का बहिष्कार या नोटा बटन दबाने के लिये मजबूर हो सकते हैं.
ज्ञापन देने के मौके पर हरि जी, रामनारायन यादव, रामाश्रय वर्मा, बबलू खान, चेतई, राधे प्रसाद, लल्लन प्रसाद, रामाधार प्रसाद, रमई गौड़, प्रभु भारती, चन्द्रकेश्वर, ओमप्रकाश के साथ साथ अन्य किसान मौजूद रहे.