गोरखपुर. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज गोरखपुर शहर विधानसभा क्षेत्र के बूथ कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करते हुए गोरखपुर शहर क्षेत्र में 70 फीसदी मतदान कराने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि यदि महानगर में 70 फीसदी मतदान हुआ तो भाजपा को दो लाख की बढ़त मिल जाएगी और विरोधी उम्मीदवार को कहीं खड़े होने की जगह नहीं मिलेगी.
योगी आदित्यनाथ आज सुबह शिप्रा लान में कार्यकर्ताओं के सम्मेलन को सम्बोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि गोरखपुर शहर विधानसभा क्षेत्र में 70 फीसदी मतदान हुआ तो भाजपा प्रत्याशी को डेढ़ लाख की बढ़त मिलेगी और यदि पूरे महानगर में 70 फीसदी मतदान हुआ तो बढ़त दो लाख की हो जाएगी.
यहां उल्लेखनीय है कि गोरखपुर लोकसभा सीट में शहरी मतदाता गोरखपुर शहर विधानसभा क्षेत्र और गोरखपुर ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र में फैले हुए हैं. गोरखपुर ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र में आधे मतदाता शहरी हैं. पिछले कई चुनावों में शहरी क्षेत्र में मतदान प्रतिशत काफी कम रहा है और भाजपा पिछले उपचुनाव में इसे अपनी हार का प्रमुख कारण मानती है.
सम्मेलन में योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उन्हें खुशी है कि गोरखपुर शहर विधानसभा क्षेत्र के चार मंडलों के 463 बूथ में से 448 बूथ कार्यकर्ता उपस्थित हैं. शेष 15 बूथ के कार्यकर्ताओं को आज शाम तक सक्रिय कर दिया जाए या वहां पर पुनर्गठन कर लिया जाय. मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने बूथ कार्यकर्ताओं को सात मई तक चार लक्ष्य दिए थे. पहला लक्ष्य था 27 अप्रैल तक बूथवार बैठक और इसके बाद तीन चरणों में सात मई तक बूथ कार्यकर्ता को हर घर में सम्पर्क कर केन्द्र और मोदी सरकार की उपलब्धियों तक पहुंचाना हैं. हर घर में वोटर पर्ची पहुंचाना है और उसे मतदान करने के लिए प्रेरित करना है. उन्होंने कहा कि हम बूथ जीते जो चुनाव जीत गए.
योगी जब चार चरणों में बूथ स्तर पर बैठक व घर-घर जनसम्पर्क हो जाने की हामी भरवा रहे थे तो कार्यकर्ता कमजोर आवाज में समर्थन कर रहे थे। इस पर वह नाराज हो गए और कहा कि आवाज क्यों नहीं निकल रही. भाड़े पर आए हैं या कार्यकर्ता ही हैं, जोर से बोलिए.
लोकसभा उप चुनाव में भी योगी आदित्यनाथ ने मतदान के ठीक पहले टाउनहाल की आखिरी सभा में कहा था कि शहर विधानसभा में मतदान प्रतिशत 60 फीसदी हो जाए तो यहां से भाजपा को ढाई लाख की बढ़त मिल जाएगी. उनका कहना था कि शहरी क्षेत्र में एक फीसदी मतदान बढ़ने से भाजपा को प्रतिद्वंदी उम्मीदवार से 10 हजार की लीड मिलती है लेकिन मतदान प्रतिशत 60 फीसदी के बजाय सिर्फ 47.75 फीसदी हुआ था। शहर विधानसभा में तो सिर्फ 37.7 फीसदी ही मतदान हुआ था।
देखना है कि इस बार शहरी क्षेत्र में कितना मतदान होता है।
मतदान प्रतिशत का गणित
आइए हम आपको गोरखपुर लोकसभा सीट पर मतदान प्रतिशत और उससे हार-जीत के अंतर को आपको समझाते हैं.
गोरखपुर संसदीय सीट में पांच विधानसभा आते हैं- पिपराइच, सहजनवा, कैम्पियरगंज, गोरखपुर ग्रामीण और गोरखपुर शहर. वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा सभी पांच विधानसभा सीट जीत ली थी लेकिन लोकसभा उप चुनाव में वह तीन विधानसभा- सहजनवा, कैम्पियरगंज, गोरखपुर ग्रामीण से सपा प्रत्याशी से पिछड़ गई. पिपराइच से उसे मामूली बढ़त मिली और गोरखपुर शहर से उसकी बढ़त घट कर 25 हजार तक पहुंच गई थी.
भाजपा के लिए गोरखपुर ग्रामीण व शहर को छोड़कर शेष तीनों विधानसभा क्षेत्र हमेशा कठिन रहे. यहां लोकसभा चुनावों में उसे कम मत मिलते हैं लेकिन गोरखपुर शहर भाजपा को हमेशा निर्णायक बढ़त देता रहा है. लोकसभा और विधानसभा चुनाव के परिणामों को देखें तो गोरखपुर शहर विधानसभा सीट ही बीजीपी का अभेद्य किला है. वर्ष 1999 में भी जब योगी 7339 मतों के मामूली अंतर से जीते थे तब शहर विधानसभा की लीड ने ही उन्हें जीत का अवसर प्रदान किया था.
वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में गोरखपुर लोकसभा क्षेत्र की सभी पांच सीटों पर भाजपा विजयी हुई थी. इस लोकसभा क्षेत्र की गोरखपुर ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र की सीट से भाजपा प्रत्याशी 4410 मत से विजयी हुआ. सहजनवां में 15377, पिपराइच में 12809, कैम्पियरगंज में 32854 मतों से भाजपा प्रत्याशी की विजय हुई. गोरखपुर शहर विधानसभा सीट पर भाजपा प्रत्याशी 60370 मतों से जीते. सभी पांच विधानसभा क्षेत्र में सबसे अधिक अंतर से यहीं पर भाजपा की जीत हुई.
वर्ष 2017 में बड़ी लहर होने के बावजूद पांचों विधानसभा में उसे कुल मिलाकर 1,25,820 की बढत हासिल हुई जबकि 2014 के लोकसभा में 3,12,783 मत की बढत मिली थी. यानि विधानसभा चुनाव में बढत आधे से भी कम हो गई, वह भी तब विपक्षी चार तरफ से विभाजित थे.
वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में 54.67 फीसदी मतदान हुआ था लेकिन गोरखपुर शहर विधानसभा क्षेत्र में सबसे कम 48.80 फीसद ही मतदान हुआ था. अन्य चार विधानासभाओं में पिपराइच में 59.26, कैम्पियरगंज में 54.67, गोरखपुर ग्रामीण में 53.98 और सहजनवां में 54.75 फीसद मतदान हुआ था.
लोकसभा उपचुनाव में कम मतदान ने भाजपा की हार में बड़ी भूमिका निभाई। उपचुनाव में गोरखपुर में सिर्फ 47.75 फीसदी मतदान हुआ था जो 2014 के लोकसभा चुनाव के मुकाबले 7.22 फीसद कम है. गोरखपुर लोेकसभा के गोरखपुर शहर विधानसभा में सिर्फ 37.7 फीसदी मतदान हुआ जबकि 2014 के चुनाव में यहां पर 48.80 फीसदी मत पड़े थे.
इस चुनाव में भाजपा शहर में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए विशेष प्रयास कर रही है। खुद मुख्यमंत्री ने शहर में बौद्धिक सम्मेलन आयोजित कराया, खिलाड़ियों, छात्र प्रतिनिधियों के सम्मेलन में भागीदारी की. रणनीति यह है कि गोरखपुर शहर में अधिक मतदान कराकर यहां से निर्णायक लीड ली जाए.