कुशीनगर. कुशीनगर की बिरला चीनी मिल द्वारा किसानों के गन्ने की पेराई बन्द किए जाने के विरोध में कुशीनगर के तीन गाँवो के किसान नाराज होकर मतदान का विरोध करते हुए मतदान केंद्र पर गन्ना लदी गाड़िया लेकर पहुंच गए। किसानों और बूथ पर तैनात सुरक्षाकर्मियों से झड़प हो गई जिससे अफरा तफरी मच गई। मौके पर पहुंचे डीएम एसपी ने किसानों को मनाने की कोशिश क। पर वे नहीं माने. इस पर आठ किसान गिरफ्तार कर लिए गए। इस घटना के कारण दो घण्टा तक मतदान रुका रहा.
कुशीनगर विधान सभा के गांव नौका छपरा के बूथ 64-65 व जुड़वनिया के बूथ संख्या 70 को मिलाकर कुल दो हजार मतदाता हैं। इन गांवों के किसान गुरुवार व शुक्रवार को गन्ना लेकर चीनी मिल पर गए थे तो उन्हें मिल बन्द होने की जानकारी हुई। मिल ने गन्ना लेने से इंकार कर दिया। ग्रामीणों ने चीनी मिल बंद होने से नाराज होकर चुनाव बहिष्कार की घोषणा करते हुए गन्ना लदे लगभग एक सौ गाड़ियों के साथ बूथ पर रात में ही डेरा डाल दिया।
किसानों के इस कदम से प्रशासन सकते में आ गया। किसानों से वार्ता कर उन्हें मनाने पहुंचे ज्वाइंट मजिस्ट्रेट अभिषेक पहुंचे पर असफल होकर लौट गए। जिसके बाद डीएम डॉ. अनिल सिंह, एसपी राजीव मिश्र मौके पर पहुंचे। किसानों को गन्ना पेरने का भरोसा दिलाया पर किसान लिखित गारन्टी चाहते थे। किसान त्रिवेणी चीनी मिल रामकोला को गन्ना सप्लाई करने के लिए सप्लाई टिकट दिए जाने की मांग कर रहे थे। जब कोई बात नही बनी तो डीएम ने किसानों को गिरफ्तार करा दिया और मतदान शुरू कराया।
किसान जगदीश सिंह, परशुराम सिंह, रुद्र प्रताप सिंह, रविन्द्र यादव, राम विनोद सिंह आदि का कहना है कि बीते तीन दिन से किसान गन्ना लेकर मिल पर थे। मिल प्रबंधन संवेदनहीन बना रहा। वहां किसानों ने मिल चलाने की मांग की तो उनके साथ मारपीट की गई। अब हमारे सामने कोई अन्य विकल्प नहीं है। लोकतांत्रिक ढंग से अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं।
ज्वांइट मजिस्ट्रेट अभिषेक पांडेय ने कहा कि मिल चल रही है। किसानों से गन्ना ले जाने को कहा गया है। बिना गन्ना पेरे मिल बंद नहीं होने दिया जाएगा। रामकोला चीनी मिल को गन्ना आवंटन किए जाने की किसानों की मांग अनुचित है। मतदान में अवरोध करने वाले किसानों को हिरासत में लिया गया है।