देवरिया, नवजात शिशु की देखभाल कार्यक्रम के तहत गुरुवार को एसीएमओ डॉ एसएन सिंह ने सदर ब्लाक के मझगंवा में महुआबारी व मोराडीह गांव का भ्रमण कर नवजात शिशुओं की देखभाल करने वाली आशाओं का कौशल जाना. आशा कार्यकर्ताओं द्वारा नवजात शिशुओं की बेहतर देखभाल करने की सराहना भी की
एसीएमओ ने गांवों में भ्रमण कर नवजात शिशु की देखभाल का हाल जाना
एसीएमओ महुआबारी गांव में कविता के घर पहुंचे कविता को जुड़वा बच्चे हुये हैं. उन्होंने आशा सोनमती द्वारा बच्चों की देखभाल पर संतोष जताया थर्मामीटर ख़राब होने पर तत्काल बदलने का निर्देश दिया. इसके बाद एसीएमओ मोराडीह में अनीता के घर पहुंचे. जहां आशा रीता की नवजात शिशु की देखभाल के लिए सराहना की. उन्होंने कहा कि नवजात की देखभाल में आशा की अहम भूमिका होती है. मातृ एवं शिशु दर में कमी लाने के लिए प्रसव के साथ मां और नवजात शिशु की देखभाल के लिए होम बेस्ड न्यू बोर्न केयर (एचबीएनसी) कार्यक्रम चलाया जा रहा है. जिसके अंतर्गत आशा कार्यकर्ताओं को बच्चे के जन्म से लेकर 42 दिन तक घर पर जाकर मां एवं बच्चे के स्वास्थ्य की जानकारी लेनी होगी. कोई समस्या होने पर उसे हॉस्पिटल भेजने की भी व्यवस्था है . कार्यक्रम के तहत प्रसव संस्थागत हुआ है तो उसकी देखभाल 6 बार करनी होगी. जिसके तहत 3, 7, 14, 21, 28, 42 वें दिन आशा कार्यकर्ता घर पर जाकर बच्चे की देखभाल करेंगी. उन्होंने बताया कि अगर प्रसव घर पर हुआ है तो 7 बार आशा वर्कर मां एवं बच्चे के स्वास्थ्य की जानकारी लेने के लिए उसके घर पर पहुंचेंगी. जिसमें 1, 3, 7, 14, 21, 28 एवं 42 वें दिन घर पर जाकर नवजात और उसकी मां की देखभाल कर स्वास्थ्य की जानकारी भी देनी होगी. एसीएमओ ने नवजात शिशु की गृह आधारित नवजात शिशु की देखभाल कार्यक्रम के अंतर्गत छह माह तक स्तनपान के बारे में, वजन लेना, तापमान, हाइपोथर्मिया (ठंडा बुखार) तथा मां के खानपान पर विशेष ध्यान रखने की सलाह दी. इस अवसर पर उनके साथ डीसीपीएम डॉ राजेश गुप्ता, यूनिसेफ के मॉनिटर दिलीप राव, बीसीपीएम मझगंवा राजाराम सहित अन्य लोग मौजूद रहे.
जागरूकता ही डेंगू से बचाव: डीएमओ
देवरिया, जिला मलेरिया कार्यालय में गुरुवार को गोष्ठी का आयोजन कर राष्ट्रीय डेंगू दिवस मनाया गया। इस दौरान स्वास्थ्य अधिकारियों ने लोगों को डेंगू के प्रति सचेत किया.
राष्ट्रीय डेंगू दिवस पर गोष्ठी
गोष्ठी को सम्बोधित करते हुए जिला मलेरिया अधिकारी शिव प्रसाद तिवारी ने कहा कि डेंगू एक खतरनाक बीमारी है. यदि व्यक्ति जागरूक रहे तो इस भयानक बीमारी से बच सकता है. उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है कि डेंगू लाइलाज बीमारी हो. डेंगू का उपचार है. यदि व्यक्ति समय से जांच कराकर उपचार लेता है तो उसके जीवन को आसानी से बचाया जा सकता है. अपने घरों में पानी जमा न होने दें. कूलरों, गमलों आदि का पानी साफ करते रहें. उन्होंने कहा कि डेंगू से बचाव के लिए सभी को जागरूक होना होगा. उन्होंने अपील की कि डेंगू से बचने की जानकारी अपने आसपास पड़ोसियों को भी दें और डेंगू से संबंधी कोई झूठी अफवाह न फैलाएं. मलेरिया विभाग द्वारा नियमित लार्वा निरोधक दवा का छिड़काव व फागिंग का कार्य कराया जा रहा है. डेंगू से मरीजों को बचाने के लिए विभाग लगातार जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन कर रहा है. इस अवसर पर डॉ एसके पांडेय, मलेरिया निरीक्षक नविन प्रकाश, सहायक मलेरिया अधिकारी सुधाकर मणि, स्मिता, पुष्पा यादव, सीपी सिंह आदि ने भी अपने विचार रखे.