गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 22 जून की दोपहर बीआरडी मेडिकल कालेज में 100 बेड के इंसेफलाइटिस वार्ड, एनआईसीयू, आईसीयू एंव इमरजेंसी वार्ड का निरीक्षण कर वहां पर दी जा रही स्वास्थ्य सुविधाओं के बारे में जानकारी ली।
इस अवसर पर उन्होंने वहां पर उपस्थित डाक्टरों को निर्देश दिया कि मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करायी जाये तथा मरीजों को किसी प्रकार की दिक्कत न आने पाय।
इसके पहले उन्होंने बीआरडी मेडिकल कालेज सभागार में गोरखपुर एवं बस्ती मण्डल के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियो के साथ समीक्षा बैठक की. बैठक में मुख्यमंत्री ने एक जुलाई से 31 जुलाई तक संचालित होने वाले संचारी रोग नियंत्रण अभियान की शतप्रतिशत सफलता सुनिश्चित करने हेतु सभी विभागो को आपसी समन्वय बनाकर कार्य करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम के बेहतरी में किसी भी स्तर पर लापरवाही नही होनी चाहिए, अन्यथा सम्बंधित के विरूद्ध कार्यवाही तय है।
उन्होंने अभियान के तैयारियो की जनपदवार विस्तृत समीक्षा की। उन्होंने कहा कि चिकित्सक अपने तैनाती स्थल पर उपस्थित रहें सभी सीएचसी/पीएचसी पर दवाओ की पर्याप्त उपलब्धता, साफ-सफाई आदि बेहतर होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सुविधाएं बेहतर हो और एम्बुलेंस 108 काल करने पर रिस्पांस टाइम से पहले पहुंचे। उन्होंने स्पष्ट कहा कि यदि एम्बुलेंस की लापरवाही के कारण किसी भी मरीज की मृत्यु होती है तो उसके विरूद्ध कठोरतम कार्यवाही सुनिश्चित की जायेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी स्वास्थ्य केन्द्रों पर चिकित्सको की तैनाती एवं प्रशिक्षित स्टाफ होने चाहिए। कोई चिकित्सालय चिकित्सक विहीन नही होने चाहिए और विषाणु जनित बिमारियो की रोकथाम की समुचित व्यवस्था सभी स्वास्थ्य केन्द्रों पर होनी चाहिए क्योंकि बीमार व्यक्ति सबसे पहले नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र पर पहुंचता है।
मुख्यमंत्री ने संचारी रोग नियंत्रण अभियान के शतप्रतिशत सफलता हेतु बीएसए/डीआईओएस को निर्देश दिये कि वे सभी प्रधानाचार्यो के साथ बैठक कर ले, क्योंकि इस अभियान में सभी का सहयोग आवश्यक है। कार्यक्रम को एक अभियान के रूप में लिया जाये। संचारी रोग नियंत्रण अभियान/दस्तक अभियान के सफलता में कहीं कोई गड़बडी नही मिलनी चाहिए। कार्यक्रम की निरन्तर निगरानी रखी जाये।
समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने बताया कि संचारी रोग नियंत्रण अभियान में 12 विभागों को सम्मिलित किया गया है और स्वास्थ्य विभाग को नोडल विभाग बनाया गया सभी विभाग आपसी समन्वय बनाकर कार्य करें। उन्होंने कहा कि पीकू/मिनी पीकू पर तैनात स्टाफ नर्स/मेडिकल आफिसर प्रशिक्षित हो। उन्होंने कहा कि हर ग्राम पंचायत को अन्टाइड फन्ड से दी गयी धनराशि के उपयोग की सीमएओ प्रति माह समीक्षा कर और इससे छिड़काव, सफाई आदि नियमित रूप से करायी जाये। उन्होंने कहा कि इंसेफलाटिस के प्रति निरन्तर सजगता बनाये रखने की आवश्यकता है और यदि इसमें किसी भी स्तर पर उदानसीनता पायी गयी तो सम्बंधित अधिकारी की जिम्मेदारी तय होगी।
बैठक में मुख्यमंत्री को बताया गया कि जापानी इंसेफेलाइटिस पर काफी नियंत्रण पाया गया है।
मुख्यमंत्री ने गोरखपुर के गोला में एम्बुलेस न मिलने पर मरीज की मौत को अति गंभीरता से लेते हुए सीएमओ को निर्देश दिये कि वे सम्बंधित एम्बुलेस के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि जेई/एईएस प्रभावित गांवो में बीमारी को न्यून करने हेतु समस्त आवश्यक व्यवस्थाए सुनिश्चित किया जाये। अपर निदेशक स्वास्थ्य मण्डल के सभी सीएचसी/पीएचसी तथा जिला चिकित्सालयों का निरीक्षण करे तथा जहां जो कमियां हो तत्काल ठीक कराये।
चिकित्सालय परिसर साफ सुथरा होने चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि बीआरडी मेडिकल कालेज में मरीज के साथ के केवल एक ही अटन्डेंट रहे अथवा चिकित्सक की अनुमति पर ही दो अटेन्डेट रह सकते है क्योंकि अधिक संख्या में अटेन्डेन्ट होने से मरीज एवं चिकित्सक को दोनो को असुविधा होती है।
मुख्यमंत्री ने मेडिकल कालेज परिसर की सफाई बेहतर बनाये रखने के निर्देश दियें। बताया गया कि यहां 127 सफाई कर्मी तैनात है तथा बाल रोग विभाग में 27 सफाई कर्मी तैनात है। उन्होंने कहा कि जो भी सफाई कर्मी अपने दायित्व के प्रति लापरवाही बरते उसकी जबावदेही तय की जाये मरीजो के प्रति संवेदना होनी चाहिए। इलाज/दवा के अभाव में किसी मरीज की मृत्यु नही होनी चाहिए।
उन्होंने मेडिकल कालेज के निर्माणाधीन भवनो को समयबद्ध ढंग से पूर्ण करने तथा कार्य की गुणवत्ता पर विशेष बल देने के निर्देश सम्बंधित अधिकारी को दिये।
समीक्षा बैठक के दौरान सदर सांसद रवि किशन, प्रमुख स्वास्थ्य प्रशान्त त्रिवेदी, मण्डलायुक्त जयन्त नार्लीकर, जिलाधिकारी के0 विजयेन्द्र पांडियन, प्राचार्य मेडिकल कालेज, गोरखपुर एवं बस्ती मण्डल के एडी हेल्थ एवं सीएमओ उपस्थित रहे।